नई दिल्ली: भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआई) ने बुधवार को उस घटना से पल्ला झाड़ा जिसमें एक राज्य स्तर के टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को शौचालय में रखकर खाना खिलाया गया था और उसने कहा कि वह किसी भी तरह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में लड़कियों की सब-जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता के आयोजन में शामिल नहीं थे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ढिलाई बरतने के आरोप में जिला खेल अधिकारी को निलंबित कर दिया और खाना उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक एस पी गर्ग 2018 से ही एकेएफआई का कामकाज देख रहे हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, एकेएफआई की इस टूर्नामेंट के आयोजन में कोई भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह से उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित टूर्नामेंट है। उन्होंने (आयोजकों ने) अपने इंतजामात खुद किये हैं।
यह पूछने पर कि राज्य स्तर का टूर्नामेंट राष्ट्रीय महासंघ की मंजूरी के बिना कैसे कराया जा सकता है तो उन्होंने कहा, हम किसी भी तरह से टूर्नामेंट के आयोजन में शामिल नहीं हैं। हमारा कोई लेना देना नहीं है। हमें इस टूर्नामेंट के बारे में कोई सूचना नहीं है।
उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि टूर्नामेंट को एकेएफआई या किसी अन्य राज्य इकाई द्वारा आधिकारिक मंजूरी नहीं दी गयी थी। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट उनके सालाना कैलेंडर में शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा, टूर्नामेंट राज्य सरकार के खेल विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। हमारी भूमिका सिर्फ तकनीकी सहयोग कराने की थी। हमने टूर्नामेंट के आयोजन के लिये कुछ अधिकारियों और चयन समिति को भेजा था, इसके अलावा कुछ और नहीं।
सिंह ने कहा, हमारे अपने राज्य स्तर के टूर्नामेंट जैसे ओपन चैम्पियनशिप हैं। यह टूर्नामेंट (सहारनपुर में अंडर-16 बालिका टूर्नामेंट) हमारे सालाना कैलेंडर में शामिल नहीं था।
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई कर रही है और जांच समिति टूर्नामेंट में भाग लेने वाले अंडर-16 मंडल के प्रत्येक खिलाड़ी से प्रतिक्रिया लेगी।
सोशल मीडिया पर आये इस वीडियो में दिखा कि पका हुआ खाना सहारनपुर के डा भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में रखा गया था जहां से कबड्डी खिलाड़ी खुद खाना ले रहे थे।सहारनपुर के डॉ भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में 16 से 19 सितंबर तक लड़कियों की सब-जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य के 16 संभागों की 300 से अधिक लड़कियों ने भाग लिया था।
इस मामले पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर पूछा कि क्या भारतीय खेलों से राजनेताओं और उनके प्रतिनिधियों को बाहर कर देना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि अगर खिलाड़ियों से इस तरह का बर्ताव किया जाता है तो वे ओलंपिक में स्वर्ण पदक कैसे जीत सकते हैं।अपर मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल ने बताया कि सहारनपुर के जिला खेल अधिकारी अनिमेष सक्सेना को सोमवार को निलंबित कर दिया गया था।
(भाषा)