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Last Modified: शनिवार, 9 सितम्बर 2017 (15:43 IST)

सानिया की सेमीफाइनल हार से थमी भारतीय चुनौती

सानिया की सेमीफाइनल हार से थमी भारतीय चुनौती - Sania Mirza,
न्यूयॉर्क। भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा इस सत्र में फिर से बड़े खिताब का सपना पूरा नहीं कर सकीं और वर्ष के आखिरी ग्रैंडस्लैम यूएस ओपन के महिला युगल सेमीफाइनल में उनकी शिकस्त के साथ टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती का भी पटाक्षेप हो गया।
 
सानिया और चीन की शुआई पेंग की चौथी वरीय जोड़ी ने संघर्षपूर्ण जीत के साथ महिला युगल सेमीफाइनल में प्रवेश किया था लेकिन दूसरी सीड स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस और यंग जान चान की जोड़ी के हाथों 4-6, 4-6 से लगातार सेटों में शिकस्त झेलकर उन्हें अंतिम 4 से बाहर हो जाना पड़ा।
 
पुरानी जोड़ीदार हिंगिस के साथ 16 महीने तक ग्रैंडस्लैम सहित 14 खिताब जीत चुकीं सानिया ने अपनी चीनी जोड़ीदार शुआई के साथ मैच में शुरुआती बढ़त बनाई लेकिन वे स्विस-ताइपे जोड़ी के सामने उसका फायदा नहीं उठा सकीं और 1 घंटे 26 मिनट में उनकी चुनौती समाप्त हो गई। सानिया-शुआई हाथ आए 10 मौकों में से केवल 2 बार ही विपक्षी जोड़ी की सर्विस ब्रेक कर सकीं। 
 
दूसरी ओर हिंगिस-चान ने 7 में से 4 बार भारतीय-चीनी जोड़ी की सर्विस ब्रेक की और फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने मैच में 44 विनर्स भी झोंके जबकि सानिया-शुआई ने 22 विनर्स लगाए। फाइनल में अब हिंगिस-चान खिताब के लिए लूसी रादेका और कैटरीना सिनियाकोवा की 7वीं वरीय जोड़ी से भिड़ेंगी।
 
इससे पहले मैच में चौथी वरीय जोड़ी ने 3-0 की बढ़त से अच्छी शुरुआत की लेकिन अनुभवी हिंगिस-चान ने विपक्षियों की सर्विस ब्रेक करते हुए 3-3 पर बराबरी कर ली। दूसरे सेट में भी सानिया-शुआई ने 3-1 की बढ़त से शुरुआत की लेकिन फिर गलतियां कर बैठीं।
 
स्टार भारतीय खिलाड़ी सानिया ने इस वर्ष अपनी जोड़ीदारों को भी निरंतर बदला है। उन्होंने बारबोरा स्ट्राइकोवा, यारोस्लावा श्वेडोवा, बेथानी माटेक सैंड्स और फिर शुआई के साथ जोड़ी बनाई। सानिया का इस वर्ष एकमात्र खिताब अमेरिकी खिलाड़ी बेथानी के साथ ब्रिसबेन में रहा है।
 
पूर्व नंबर 1 भारतीय खिलाड़ी पिछले काफी समय से खराब दौर से गुजर रही हैं जिससे वे रैंकिंग में फिसलकर 9वें नंबर पर आ गई हैं। वे इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन के तीसरे दौर तक ही पहुंच पाई थीं जबकि फ्रेंच ओपन के पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। 
 
सानिया इस वर्ष एक भी मेजर खिताब नहीं जीत सकी हैं और वर्ष के आखिरी ग्रैंडस्लैम में उनकी सेमीफाइनल हार से अब यह उम्मीद समाप्त हो गई है, वहीं सानिया से पूर्व रोहन बोपन्ना, लिएंडर पेस और पूरव राजा के युगल में पहले ही बाहर हो जाने से अब टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई है। (वार्ता) 
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