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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 मई 2015 (19:17 IST)

सरकार ने ज्वाला, अश्विनी की उपेक्षा नहीं की : मंत्रालय

सरकार ने ज्वाला, अश्विनी की उपेक्षा नहीं की : मंत्रालय - Jwala Gutta,
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने आज साफ तौर पर कहा कि उसने टारगेट ओलंपिक पोडियम (टीओपी) योजना के लिए युगल बैडमिंटन खिलाड़ियों ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की कभी उपेक्षा नहीं की। मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीने हुई बैठक में पहचान समिति ने उनके नाम पर विचार किया था।
विश्व चैम्पियनशिप 2011 में अश्विनी के साथ कांस्य पदक जीतने वाली ज्वाला ने टीओपी योजना में उन्हें शामिल नहीं किए जाने पर खेल मंत्रालय की आलोचना की थी। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने हालांकि कहा कि 21 अप्रैल को हुई बैठक में ज्वाला और अश्विनी के नाम पर विचार किया गया था।
 
सूत्र ने कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली पहचान समिति की 21 अप्रैल को हुई बैठक में टीओपी योजना में शामिल करने के लिए ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा के नाम पर विचार किया गया था। 
 
उन्होंने कहा कि समिति ने राष्ट्रमंडल खेल 2014 के बाद उनके प्रदर्शन पर बात की। बातचीत के बाद समिति ने तय किया कि उनके नाम को शामिल करने और युगल खिलाड़ियों के लिए साझा प्रशिक्षण कार्यक्रम पर बाद में फैसला लिया जाएगा। 
 
टीओपी योजना में रियो ओलंपिक 2016 की पदक उम्मीदों को शीर्ष स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा दी जा रही है। मंत्रालय ने छह बैडमिंटन खिलाड़ियों को इसमें शामिल किया है, जिनमें ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, पारुपल्ली कश्यप, के श्रीकांत, गुरू साइदत्त और एचएस प्रणय हैं।
 
सरकार की ओर से ये नाम जारी किए जाने के तुरंत बाद ज्वाला ने राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद पर अपनी अकादमी के खिलाड़ियों को बढावा देने और चयन में पक्षपात का आरोप लगाया था।
 
सूत्र ने कहा पहचान समिति ने उनके नामों को खारिज नहीं किया है। समिति द्वारा लिए गए फैसलों के लिए इसके सदस्य पुलेला गोपीचंद को कसूरवार ठहराना गलत है। समिति ने सारे फैसले सामूहिक रूप से लिए हैं। अभी टीओपी योजना के लिए चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। 
 
इसके अलावा इसमें शामिल नहीं होने वाले खिलाड़ियों को भी राष्ट्रीय खेल महासंघों की सहायता की आम योजना के तहत सरकार से मदद मिलती रहेगी। (भाषा)