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Written By WD Sports Desk
Last Updated : मंगलवार, 24 सितम्बर 2024 (15:37 IST)

शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक के बाद गुकेश और साथियों ने टीम भावना पर जोर दिया

शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक के बाद गुकेश और साथियों ने टीम भावना पर जोर दिया - D Gukesh banks on team spirit after the title victory of Chess Olympiad
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एक सपना सच हुआ, एक सुखद अहसास। शतरंज ओलंपियाड में पहला स्वर्ण पदक पांच सदस्यीय भारतीय पुरुष टीम के सदस्यों के लिए अलग-अलग मायने रखता है। भारतीय टीम की अगुआई विश्व खिताब के सबसे कम उम्र के चैलेंजर डी गुकेश ने की।

नवंबर में चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ अपने बहुप्रतीक्षित विश्व चैंपियनशिप मुकाबले से पहले गुकेश ने हाल में संपन्न 45वें ओलंपियाड में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन में से एक किया।रविवार को स्लोवेनिया के व्लादिमीर फेदोसीव के खिलाफ अपनी अंतिम दौर की बाजी जीतने के बाद गुकेश ने कहा, ‘‘मैं अभी बहुत खुश हूं।’’

भारत के लिए शीर्ष बोर्ड पर गुकेश का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने 10 बाजियों में नौ अंक हासिल किए और इस दौरान आठ जीत और दो ड्रॉ खेले।

इस शानदार प्रदर्शन ने टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की क्योंकि भारत ने संभावित 22 में से 21 अंक हासिल किए। टीम ने 10 मुकाबले जीते और पिछले ओलंपियाड के विजेता उज्बेकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक मुकाबला ड्रॉ रहा।

गुकेश ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह टीम के लिए और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छा अनुभव था... यह सपने के (सच होने) जैसा था।’’भारत की महिला टीम ने भी स्वर्ण पदक जीता।

पुरुष टीम की सफलता में अर्जुन एरिगेसी का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा जिन्होंने इस प्रतियोगिता में सभी 11 बाजियां खेलकर 10 अंक जुटाए। अब वह नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन और अमेरिका के हिकारू नाकामूरा के बाद लाइव विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं।

वर्तमान में 2797 की रेटिंग के साथ एरिगेसी जादुई 2800 अंक के आंकड़े से सिर्फ तीन अंक पीछे हैं। वह नाकामूरा से पांच अंक पीछे हैं। कार्लसन 2830 अंक के साथ शीर्ष पर हैं।

एरिगेसी ने हालांकि कहा कि रैंकिंग से बहुत फर्क नहीं पड़ता।उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छा अहसास है, लेकिन लगभग 10-15 खिलाड़ी हैं जो समान रूप से मजबूत हैं इसलिए मैं तीसरे या चौथे नंबर पर होने के बारे में बहुत अधिक परवाह नहीं करना चाहता।’’

ओलंपियाड की शुरुआत में भारतीय टीम में सर्वोच्च रेटिंग वाला खिलाड़ी होने के बावजूद वह बोर्ड तीन पर क्यों खेले इस बारे में पूछने पर एरिगेसी ने कहा कि यह रणनीति का हिस्सा था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सोचा कि गुकेश बोर्ड एक पर अच्छा प्रदर्शन करेगा और मैं बोर्ड तीन पर अच्छा प्रदर्शन करूंगा। क्योंकि यह अच्छा रहा इसलिए कोई पछतावा नहीं है।’’

गुकेश और एरिगेसी दोनों ने क्रमशः बोर्ड एक और तीन पर अपने शानदार प्रदर्शन के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीता। विदित गुजराती हालांकि व्यक्तिगत पदक से चूक गए और 10 बाजियों में 7.5 अंक के साथ बोर्ड चार पर चौथे स्थान पर रहे।

आर प्रज्ञानानंदा का प्रदर्शन भले ही उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा हो लेकिन उन्होंने नौवीं बाजी तक टीम को जरूरी स्थिरता प्रदान की। अमेरिका के वेस्ली सो के खिलाफ अपनी एकमात्र हार के बाद अंतिम दौर में उन्होंने जीत हासिल की।

टीम के कप्तान एन श्रीनाथ जाहिर तौर पर इस प्रदर्शन से खुश दिखे।उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उन्हें बहुत सलाह देने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये लोग पेशेवर हैं, वे जानते हैं कि क्या करना है। कुछ तैयारी करनी थी, उन्हें एक साथ लाना था लेकिन ज्यादातर बस बैठकर उन्हें खेलते हुए देखना था।’’

सोमवार को टीम स्वदेश लौटेगी। असली जश्न के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ सकता है लेकिन इससे यह साबित हो गया है कि भारत को अब दुनिया का शतरंज ‘पावरहाउस’ कहा जा सकता है।

गुकेश ने कहा, ‘‘कल हम टीम बैठक में हिस्सा ले रहे थे, हम पहले से ही जश्न के मूड में थे। मैं बहुत उत्साहित था, लेकिन उम्मीद कर रहा था कि कोई मुकाबला नहीं होता। हमने एकाग्र होने, यहां आने, अपना काम करने और फिर जश्न मनाने पर ध्यान केंद्रित किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि अगर हम मैच हार भी गए तो भी टाईब्रेक में जीतेंगे। बेशक हम मैच जीतना चाहते थे। हम जीत की उम्मीद कर रहे थे। हम सभी काफी निश्चिंत थे। लेकिन हां, खुशी है कि मैंने और अर्जुन ने काम पूरा किया।’’भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले 2014 और 2022 (चेन्नई में) में दो कांस्य पदक जीते थे।(भाषा)