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Last Modified: इंचियोन , गुरुवार, 18 सितम्बर 2014 (22:14 IST)

अभिनव बिन्द्रा बोले, मैं क्‍या कर सकता हूं...

अभिनव बिन्द्रा बोले, मैं क्‍या कर सकता हूं... - Abhinav Bindra
इंचियोन। ओलंपिक के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण विजेता भारतीय निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा जब बुधवार शाम इंचियोन पहुंचे तो उनकी मदद करने के लिए कोई भारतीय अधिकारी हवाई अड्डे पर मौजूद नहीं था।     
 
बिन्द्रा को हवाई अड्डे पर तमाम औपचारिकताएं पूरी करने और खेलगांव तक पहुंचने में चार घंटे लग गए। आखिर स्थानीय अधिकारियों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से सम्पर्क साधा और इसके बाद जाकर ही बिन्द्रा को खेलगांव में प्रवेश मिल पाया।     
 
बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल के स्वर्ण विजेता ग्लास्गो में स्वर्ण जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों को अलविदा कहने वाले बिन्द्रा आमतौर पर बेहद शांत स्वभाव के माने जाते हैं लेकिन इन तमाम परेशानियों से थके और हताश नजर आ रहे बिन्द्रा ने कहा,  यदि मैं यहां जल्दी आता तो बेहतर होता, लेकिन मैं क्या कर सकता हूं। वैसे भी मैं ऐसी चीजों का अभ्यस्त हो गया हूं इसलिए मुझे अब ज्यादा हैरानी नहीं होती है। 
 
मै सिर्फ इतना कर सकता हूं कि मैं अपनी स्पर्धा पर ध्यान दूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श करूं। संभवत: अपने आखिरी एशियाई खेलों में उतरने जा रहे बिन्द्रा का स्पेन के ग्रेनाडा में विश्व चैम्पियनशिप से सीधे इंचियोन पहुंचने का कार्यक्रम था लेकिन लाल फीताशाही के चलते उन्हें कोरियाई वीसा हासिल करने के लिए एक दिन भारत आना पड़ा। 
    
वे सोमवार को इंचियोन पहुंचना चाहते थे लेकिन पहुंचे बुधवार शाम को। उनकी परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। वे जब इंचियोन पहुंचे तो हवाई अड्डे पर कोई भारतीय अधिकारी नहीं था जो उन्हें उनका मान्यता पत्र सौंप सके और उनके उपकरण रिलीज कराने में कस्टम की औपचारिकताओं को पूरा कर सके। 
    
राष्ट्रीय महासंघ द्वारा समय से प्रविष्टियां नहीं भेजे जाने के कारण खेलों के आयोजक बिन्द्रा और अन्य निशानेबाजों को मान्यता पत्र नहीं भेज सके थे। इससे बिन्द्रा को कुछ आराम करने और अभ्यास करने का पूरा समय नहीं मिल पाया। बिन्द्रा सोमवार को इंचियोन इंटरनेशनल रेंज में अपने मुकाबले में उतरेंगे। (वार्ता)