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Written By WD

एशियाड का इतिहास

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चीन का खूबसूरत शहर ग्वांगझू 16वें एशियाड की मेजबानी करने जा रहा है। यहाँ पर 12 से 29 नवम्बर तक होने वाले खेलकुंभ में रेकॉर्ड 42 खेलों की 476 स्पर्धाओं में 14 हजार से एथलीट शिरकत करेंगे। मेजबान होने के नाते चीन का सबसे बड़ा दल (1454 एथलीट) ज्यादा से ज्यादा पदकों को जीतना चाहेगा। कतर (2006) में आयोजित 15वें एशियाड में चीन ने हमेशा की तरह 165 स्वर्ण पदक जीतकर पदक तालिका में अव्वल स्थान पाया था।

दिल्ली में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत 101 पदकों के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा था, लिहाजा भारतीय चैम्पियनों को असली चुनौतियों का सामना चीन की जमीन पर ही होगा। इस बार एशियाड में भारत 843 सदस्यों का दल उतर रहा है और वह 35 खेलों में भागीदारी करेगा। भारतीय दल में 360 पुरुष खिलाड़ी और 249 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। इनके अलावा भारतीय दल में 127 कोच, 44 मैनेजर, 8 डॉक्टर, 7 फिजियोथेरेपिस्ट समेत कई अन्य तकनीकी और सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

चीन एशियाड का 16वाँ पड़ाव है। इस प्रसंग पर एशियाड के अतीत पर एक नजर डाली जाए -

1951 नई दिल्ली : पहले एशियाई खेल 4 से 11 मार्च 1951 के बीच नई दिल्ली में आयोजित हुए थे। ये खेल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1950 में होने थे मगर तैयारियों में देरी के चलते इन्हें 1951 तक के लिए टाल दिया गया। हालाँकि जापान को लंदन में 1948 में हुए ओलिम्पिक में हिस्सा लेने नहीं दिया गया था और एशियाई खेल महासंघ की संस्थापक बैठक में भी वो शामिल नहीं हुआ, मगर इन खेलों में उसने हिस्सा लिया। इन खेलों का उद्‍घाटन देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने किया था।

1954 मनीला : दूसरे एशियाई खेल फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में एक से नौ मई 1954 के बीच आयोजित हुए। इन खेलों के उद्‍घाटन की घोषणा राष्ट्रपति रैमन मैगसायसाय ने की थी और ये रिजाल मेमोरियल स्टेडियम में आयोजित हुए।

1958 टोकियो : तीसरे एशियाई खेलों का आयोजन जापान की राजधानी टोकियो में हुआ। 24 मई से एक जून 1958 के बीच ये आयोजन हुआ, जिसमें 20 देशों के 1820 एथलीट्स ने 13 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। पिछली बार के मुकाबले इस बार पाँच स्पर्द्धाएँ ज्यादा थीं। एशियाई खेलों में पहली बार मशाल की परंपरा भी शुरू की गई।

1962 जकार्ता : चौथे एशियाई खेल 24 अगस्त से चार सितंबर 1962 के बीच इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित हुए। इसराइल और ताइवान के एथलीट्स इन खेलों में हिस्सा नहीं ले सके। अरब देशों और चीन के दबाव के चलते इंडोनेशिया सरकार ने इसराइली और ताइवानी प्रतिनिधियों को वीजा देने से इनकार कर दिया। 16 देशों के 1460 एथलीट्स ने एशियाड में हिस्सा लिया और बैडमिंटन इन खेलों में शामिल किया गया। राष्ट्रपति सुकर्णो ने इन खेलों के उद्‍घाटन की घोषणा की थी।

1966 बैंकॉक : पाँचवें एशियाई खेल नौ से 20 दिसंबर 1966 के बीच थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुए। ताइवान और इसराइल की खेलों में वापसी हुई। कुल 18 देशों के ढाई हजार एथलीट और अधिकारी इन खेलों में शामिल हुए। महिलाओं के वॉलीबॉल को इन खेलों में शामिल किया गया। थाईलैंड के महाराज भूमिबोल अदुल्यदेज ने इन खेलों का उद्‍घाटन किया था।

1970 बैंकॉक : छठे एशियाई खेल 24 अगस्त से चार सितंबर 1970 के बीच बैंकॉक में ही आयोजित हुए। शुरुआती योजना के मुताबिक़ दक्षिण कोरिया के सोल को इसका आयोजन करना था मगर उत्तर कोरिया से सुरक्षा को धमकी को देखते हुए उसने दावेदारी छोड़ दी। 18 देशों के 2400 एथलीट्स और अधिकारी इन खेलों में शामिल हुए। यॉटिंग पहली बार इन खेलों में शामिल हुआ और एक बार फिर भूमिबोल अदुल्यदेज ने खेलों का उद्‍घाटन किया।

1974 तेहरान : सातवें एशियाई खेल एक से 16 सितंबर 1974 के बीच ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित किए गए थे। इन खेलों के लिए आजादी खेल परिसर बनवाया गया था और पहली बार मध्य पूर्व के किसी देश ने इसका आयोजन किया। तेहरान में हुए इस आयोजन में 25 देशों के 3010 एथलीट शामिल हुए जो कि खेलों की शुरुआत से लेकर तब तक का सबसे बड़ा आयोजन साबित हुआ।

तलवारबाज़ी, जिम्नास्टिक्स और महिलाओं का बास्केटबॉल इन खेलों में शामिल हुआ। फ़लस्तीन से ख़तरों को देखते हुए सुरक्षा की ज़बरदस्त व्यवस्था की गई थी। मगर ये खेल राजनीति का भी शिकार हुए क्योंकि अरब मूल के देशों, पाकिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया ने इसराइल के विरुद्ध टेनिस, तलवारबाज़ी, बास्केटबॉल और फ़ुटबॉल के मुकाबलों में उतरने से इनकार कर दिया।

1978 बैंकॉक : आठवें एशियाई खेल नौ से 20 दिसंबर 1978 के बीच बैंकॉक में ही आयोजित हुए। बांग्लादेश और भारत के साथ तनाव के बाद पाकिस्तान ने एशियाई खेलों के आयोजन की योजना छोड़ दी। सिंगापुर ने वित्तीय कारणों से खेलों का आयोजन करने से मना कर दिया। इसके बाद एक बार फिर थाईलैंड ने मदद की पेशकश की और खेल बैंकॉक में आयोजित हुए। राजनीतिक कारणों से इसराइल को खेलों से बाहर कर दिया गया। 25 देशों के 3842 एथलीट इसमें शामिल हुए और तीरंदाज़ी के साथ ही बोलिंग को खेलों में शामिल किया गया।

1982 नई दिल्ली : नौवें एशियाई खेल 19 नवंबर से चार दिसंबर 1982 के बीच नई दिल्ली में आयोजित हुए। पहले खेलों के बाद दूसरी बार दिल्ली ने ये खेल आयोजित किए। ये एशियाई खेल एशियाई ओलिम्पिक परिषद के नेतृत्त्व में हुए। एशियाई खेल महासंघ को भंग करके ही एशियाई ओलिम्पिक परिषद का गठन हुआ। 33 देशों के 3411 एथलीट खेलों में शामिल हुए। घुड़सवारी, गोल्फ, हैंडबॉल, नौकायन और महिलाओं की हॉकी इन खेलों में शामिल हुआ।

इससे पहले के खेलों में जापान सर्वाधिक पदक जीतने वाला देश था मगर इन खेलों में पहली बार चीन ने जापान की जगह ले ली और उसके बाद से उसे कोई हटा नहीं सका है। इन खेलों की तैयारी में भारत में बड़े पैमाने पर रंगीन टेलिविजन का प्रसार हुआ। इन खेलों का शुभंकर अप्पू नाम का हाथी था। राष्ट्रपति जैल सिंह ने खेलों का उद्‍घाटन किया, पीटी उषा ने खिलाड़ियों की ओर से शपथ ली और ये खेल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किए गए थे।

1986 सोल : दसवें एशियाई खेल 20 सितंबर से पाँच अक्टूबर 1986 के बीच दक्षिण कोरिया के सोल में आयोजित किए गए। इन खेलों में 27 देशों के 4839 एथलीट्स शामिल हुए और कुल 25 स्पर्धाओं में पदक बाँटे गए। जूडो, ताइक्वांडो, महिलाओं की साइक्लिंग और महिलाओं की निशानेबाजी को इन खेलों में शामिल किया गया। इन खेलों में 83 एशियाई रिकॉर्ड और तीन विश्व रिकॉर्ड टूटे। पीटी उषा इन खेलों की स्टार एथलीट थी जिन्होंने चार स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। दक्षिण कोरिया ने जापान को हटाकर पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल कर लिया।

1990 बीजिंग : ग्यारहवें एशियाई खेलों का आयोजन 22 सितंबर से सात अक्टूबर 1990 के बीच चीन के बीजिंग में हुआ। चीन में बड़े पैमाने पर आयोजित हुआ ये पहला खेल आयोजन था। 37 देशों के कुल 6122 एथलीट उनमें शामिल हुए और 29 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। इन खेलों में सॉफ्टबॉल, सेपक टाकरॉ, वुशु, कबड्डी और कनूइंग पहली बार शामिल किए गए। कुवैत पर इराकी हमले में एशियाई ओलिम्पिक परिषद के प्रमुख शेख फहद अल-सबा भी मारे गए थे और ग्यारहवें एशियाड में यही चर्चा का बड़ा विषय था। इन खेलों में सात विश्व रिकॉर्ड और 89 एशियाई रिकॉर्ड टूटे।

1994 हिरोशिमा : बारहवें एशियाई खेल दो से 16 अक्टूबर 1994 के बीच जापान के हिरोशिमा में आयोजित हुए। इन खेलों का मुख्य संदेश एशियाई देशों में शांति और सौहार्द को बढ़ाना था। इस पर खासा जोर दिया गया क्योंकि 1945 में इस जगह पर पहला परमाणु बम गिराया गया था। पूर्व सोवियत संघ से स्वतंत्र हुए कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान को इन खेलों में शामिल किया गया।

ये पहले एशियाई खेल थे जो किसी देश की राजधानी में आयोजित नहीं हुए थे। पहले खाड़ी युद्ध के बाद इराक को खेलों से निलंबित रखा गया था। 42 देशों के 6828 एथलीट ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कुल 34 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। बेसबॉल, कराटे और आधुनिक पेंटाथलन इन खेलों में शामिल हुए।

1998 बैंकॉक : तेरहवें एशियाई खेल छह से 20 दिसंबर 1998 के बीच बैंकॉक में आयोजित हुए। इन खेलों में कुल 41 देशों ने हिस्सा लिया। बैंकॉक ने इस तरह चौथी बार एशियाई खेलों का आयोजन किया। इससे पहले 1966 में ये खेल बैंकॉक को दिए गए थे जबकि 1970 और 1978 में उसे दूसरे देशों के आयोजन नहीं कर पाने की वजह से ये आयोजन करना पड़ा था। एक बार फिर थाईलैंड के नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज ने इन खेलों का उद्‍घाटन किया।

2002 बुसान : चौदहवें एशियाई खेलों का आयोजन 29 सितंबर से 14 अक्टूबर 2002 के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में हुआ। 44 देशों के 6572 एथलीट्स ने इन खेलों में हिस्सा लिया। 38 खेलों में मुकाबले हुए जबकि 18 हजार पत्रकार, अधिकारी और एथलीट इसमें शामिल हुए। खेलों के इतिहास में पहली बार एशियाई ओलिम्पिक परिषद के सभी 44 सदस्य देश शामिल हुए। इनमें उत्तर कोरिया और अफगानिस्तान भी शामिल हुए।

2006 कतर : 15वें एशियाई खेल कतर के दोहा में एक से 15 दिसंबर 2006 के बीच आयोजित हुए। मध्य पूर्व क्षेत्र से दोहा दूसरा शहर बना जिसने एशियाड का आयोजन किया था। उससे पहले 1974 में तेहरान इन खेलों का आयोजन कर चुका था। 29 खेलों की 46 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। परिषद के सभी 45 देशों ने इन खेलों में हिस्सा लिया। खेलों के दौरान ही दक्षिण कोरियाई घुड़सवार किम ह्युंग चिल की मौत हो गई और उसकी खेलों के दौरान काफी चर्चा रही थी। (