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शुक्रवार, 4 जुलाई 2014 (14:54 IST)
नीदरलैंड्स के कोच के शिष्य हैं कोस्टा रिका के कोच
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रियो डि जेनेरियो। विश्व कप के दौरान ‘सरप्राइज पैकेज’ बनकर उभरी कोस्टा रिका की टीम को संभवत: अगले मैच में यह फायदा नहीं मिले, क्योंकि नीदरलैंड्स की टीम दावा कर सकती है कि वह उसके बारे में काफी कुछ जानती है।
दरअसल, कोस्टा रिका के कोच जॉर्ज लुई पिंटो ने अपनी कोचिंग का ककहरा नीदरलैंड्स के कोच राइनस मिशेल्स से सीखा है, जो ‘टोटल फुटबॉल’ के जनक हैं।
कोलंबिया के पिंटो जब 1980 के दशक में कोलोन विश्वविद्यालय में पढ़ते थे, तब नीदरलैंड्स के कोच मिशेल्स शहर के बुंदेसलीगा क्लब को कोचिंग देते थे।
पिंटो ने कहा कि उन वर्षों में मैंने अपना समय उन्हें ट्रेनिंग करवाते हुए देखते हुए और उनसे बात करते हुए बिताया। जब मेरी कक्षा नहीं होती थी तो मैं क्लब का अभ्यास देखने पहुंचा जाया करता था।
उन्होंने कहा कि मैंने काफी चीजें देखीं और काफी कुछ सीखा। मिशेल्स काफी अच्छे शिक्षक थे और उनके मार्गदर्शन में ही नीदरलैंड्स ने 1988 में यूरोपीय चैंपियनशिप के रूप में अपना एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता।
इस दिग्गज कोच ने ‘टोटल फुटबॉल’ की धारणा में महारत हासिल की जिसमें खिलाड़ी मैच के दौरान अपनी पोजीशन बदल लेते हैं। (भाषा)