शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सिंहस्थ 2016
  3. समाचार
  4. Simhastha 2016, Rambhadracharya
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 13 मई 2016 (19:37 IST)

मन की आंखों से पढ़ ली दुनियाभर की किताबें...

मन की आंखों से पढ़ ली दुनियाभर की किताबें... - Simhastha 2016,  Rambhadracharya
-आलोक 'अनु'
 
उज्जैन। कहने को तो उच्च शिक्षा के लिए लगन और दृष्टि की आवश्यकता होती है, लेकिन वैष्णव संप्रदाय के रामानंदाचार्य स्वामी श्रीराम भद्राचार्य जी महाराज पांच वर्ष की आयु में ही अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे, लेकिन लगन ऐसी कि ना केवल पीएचडी की बल्कि एक विश्वविद्यालय की स्थापना कर विकलांगों के लिए शिक्षा के नए द्वार खोल दिए। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने विलक्षण आध्यात्मिक एवं शैक्षिक विभूति को भारत सरकार के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्विभूषण से सम्मानित किया है।
विश्व का कल्याण के लिए एक माह तक अनुष्ठान : तुलसीपीठ चित्रकुटधाम सतना से आए रामानंदाचार्य श्री रामभद्राचार्यजी महाराज सिंहस्थ महापर्व में एक माह तक निरंतर अनुष्ठान करेंगे, ताकि विश्व का कल्याण हो सके। जगतगुरू के नाम से प्रख्यात महाराज जी ने बताया कि पांच साल की उम्र में नेत्र की रोशनी चली गई थी, उसके बाद संस्कृत और हिन्दी सहित अन्य भाषाओं में अपनी शिक्षा जारी रखी, जब व्यक्ति मन में कोई अच्छा संकल्प लेकर किसी रास्ते पर चलता है तो उसको अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। 
 
श्री रामभद्राचार्य ने लिखी 125 से ज्यादा पुस्तकें : उसी लक्ष्य और संकल्प का नतीजा है कि मैंने उच्च शिक्षा हासिल करते हुए पीएचडी की, बल्कि अब तक 125 से अधिक पुस्तके भी लिख चुका हूं। अपनी इस शारीरिक कमजोरी को दूसरों के मन में भांपते हुए जगतगुरू श्री रामभद्राचार्य ने विकलांग विश्व विद्यालय की स्थापना की उप्र के चित्रकूट में स्थापित किया है, यहां पर आने वाले दिव्यांगों को न केवल शैक्षणिक बल्कि व्यवसायिक शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। उनका दावा है कि कोई भी दिव्यांग बेरोजगार नही रहेंगा। देशभर में लगभग 10 करोड़ से अधिक विकलांग है, जिनके जीवन का मार्गदर्शन किया जाए तो वह भी कई उपलब्धियां हासिल कर सकते है। 
 
स्वच्छ भारत अभियान के लिए चुना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सबसे बेहतर अभियान स्वच्छ भारत अभियान के नवरत्नों में कुलाधिपति जगतगुरू रामनंदाचार्य श्री रामभद्राचार्यजी महाराज को शामिल किया है। उन्हें ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया है। इस अभियान को गति देने के लिए रामभद्राचार्य महाराज ने भी अपने नवरत्नों की कमेटी गठित की है, जिसके संरक्षण में उत्तरप्रदेश के हर गांव और हर शहर में इस अभियान को चलाया जा रहा है।
 
देश का पहला ब्रेल लिपि एटीएम : रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा संचालित अपने विकलांग विश्व विद्यालय में देश का पहला ब्रेल लिपि एटीएम यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का प्रवेश द्वार पर लगाया है। इस एटीएम की खासबात यह है कि इसके संचालन में ध्वनि युक्त निर्देश प्राप्त होते है और इसके बटनों पर ब्रेल लिपि के अक्षर अंकित है।
 
ये भी पढ़ें
'वैचारिक कुंभ' की एक बानगी इंदौर एयरपोर्ट पर...