सावन का 7वां सोमवार, उज्जैन में निकलेगी सवारी, जानें किस रूप में निकलेंगे बाबा महाकाल
Ujjain Mahakal Sawan 7th Somwar 2023: इस बार श्रावण मास में अधिकमास होने से 8 सोमवार का योग बना है। उज्जैन में महाकाल बाबा की इस बार श्रावण माह में 8 और भादों में 2 सवारी निकलेंगी। 21 अगस्त 2023 सोमवार के दिन महाकालेश्वर बाबा की सातवीं सवारी निकलने वाली है। हर बार बाबा अलग अलग स्वरूप में पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण करते हैं। इस बार 7 स्वरूपों में करेंगे बाबा भ्रमण।
बाबा महाकाल की 7वीं सवारी : सावन के सातवें सोमवार के दिन और एक बार फिर से महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल बाबा की सवारी निकाली जाएगी। सातवीं सवारी में बाबा महाकाल का जटाशंकर स्वरूप भक्तों को देखने मिलेगा। इससे पहला छठी सवारी में बाबा का घटाटोप स्वरूप था।
सोमवार को निकलने वाली महाकाल की सवारी में बाबा महाकाल 7 स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। जटाशंकर, चांदी के रथ पर घटाटोप, चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, नंदी रथ पर उमा महेश, गरूड़ रथ पर शिव तांडव, डोल रथ पर होलकर स्वरूप और अन्य रथ पर महाकाल घटाटोप स्वरूप में दिखाई देंगे।
आठवीं सवारी 28 अगस्त 2023 को निकलेगी। आठवीं सवारी में कोटेश्वर स्वरूप में महाकाल के दर्शन होंगे। नौवीं सवारी 04 सितंबर 2023 को निकलेगी। नौवीं सवारी में सप्तधान स्वरूप में बाबा दर्शन देंगे। दसवीं और अंतिम शाही सवारी 11 सितंबर 2023 को निकलेगी। इस शाही सवारी में महाकाल बाबा अपने सभी 10 स्वरूप में एक साथ निकलकर भक्तों को दर्शन देंगे।
दर्शन के लिए सुविधा : दर्शन का ये क्रम लगातार 20 घंटे तक चलेगा और 5 लाख से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। भक्तों की भीड़ के बढ़ने को लेकर व्यवस्था भी बढ़ाई गई है। 250 रुपए की टिकट बुकिंग कर आने वाले श्रद्धालुओं से लेकर, नियमित दर्शनार्थी, कांवड़ यात्री, वीआईपी, वीवीआईपी, हरिओम जल समेत सभी के लिए अलग अलग दर्शन व्यवस्था है। दावा है कि 40 मिनट में बिना परेशानी के सभी भक्तों को महाकाल के दर्शन होंगे।
सवारी परंपरागत मार्ग : परंपरा के मुताबिक दोपहर 3:30 बजे महाकाल सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन अर्चन किया जाएगा और इसके बाद सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों की टुकड़ी बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर देगी। महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।