शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Rudraksh
Written By WD

रूद्राक्ष से मिलती है शिव की कृपा

रूद्राक्ष से मिलती है शिव की कृपा - Rudraksh
श्रावण के महीने में शिवभक्ति का विशेष महत्व है। शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु उनका पूजन, अभिषेक, अनुष्ठान कर शिवभक्ति में डूबे नजर आते हैं। शिव की कृपा प्राप्ति के लिए रूद्राक्ष का विशेष महत्व माना गया है। आइए जानते हैं, रूद्राक्ष का महत्व - 
 

रूद्र और अक्ष से मिलकर बना शब्द है, रूद्राक्ष। रूद्राक्ष का भगवान शि‍व के आंसू के रूप में भी जाना जाता है। रूद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं, जिसमें एक से लेकर चौदहमुखी रूद्राक्ष विभिन्न प्रकार से शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं। प्रत्येक रूद्राक्ष के मुख की संख्या में उनका महत्व और उनसे प्राप्त होने वाले लाभ निहित होते हैं।





वेदों और पुराणों में एकमुखी रूद्राक्ष को साक्षात शिव का स्वरूप कहा गया है। इसलिए इसका सर्वाधि‍क महत्व माना गया है। यही कारण है कि, एकमुखी रूद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होता है, और सरलता से उपलब्ध नहीं होता। 

 
भगवान शिव महाकाल स्वरूप में मृत्यु के भी देवता हैं, जिनकी कृपा से असमय मृत्यु होने का भय नहीं रहता। यही भय, रूद्राक्ष के माध्यम से पूर्णत: समाप्त हो जाता है। रूद्राक्ष, शरीर और मन को निरोगी रखने के साथ ही अकाल होने वाली मृत्यु से रक्षा करता है। इसे अपने पास रखने से कई तरह की बाधाओं, समस्याओं और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। 
प्रत्येक रूद्राक्ष के अधिष्ठाता देव और संचालक गृह होते हैं, जो रूद्राक्ष धारण करने वाले को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं, और उसे सभी प्रकार कर समस्याओं से मुक्ति प्रदान करते हैं। इस प्रकार से रूद्राक्षधारक रोगमुक्त एवं भयमुक्त होकर शिव की कृपा प्राप्त करता है। 
 
ऐसा माना जाता है, कि रूद्राक्ष के दर्शन मात्र से एक लाख, स्पर्श मात्र से एक करोड़, इसे धारण करने से दस करोड़ और रूद्राक्ष की माला द्वारा जप करने से सौ करोड़ पुण्यों की प्राप्ति‍ होती है।