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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 13 सितम्बर 2024 (11:18 IST)

Shradh paksha 2024: पितृ पक्ष 17 सितंबर से प्रारंभ, जानें पहले पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध की महत्वपूर्ण जानकारी

Pitru Shradh Paksha
Pitru paksha 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार पितृ पक्ष यानी श्राद्ध महालय भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो रहे हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष का 17 सितंबर 2024 मंगलवार से शुरू हो रहे हैं, और इसका समापन 02 अक्टूबर 2024 को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर होगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक यानी कुल 16 दिनों तक चलता है। इसमें श्राद्ध का पहला दिन और आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। आइए जानते हैं यहां पूर्णिमा और प्रतिपदा यानी पहले श्राद्ध में क्या करते हैं।
 
1. पूर्णिमा के श्राद्ध को ऋषि तर्पण भी कहा जाता है। इस दिन मंत्रदृष्‍टा ऋषि मुनि अगस्त्य का तर्पण किया जाता है। इन्होंने ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए समुद्र को पी लिया था और दो असुरों को खा गए थे। इसी के सम्मान में श्राद्ध पक्ष की पूर्णिमा तिथि को इनका तर्पण करके ही पितृ पक्ष की शुरुआत की जाती है।
 
2. श्राद्ध की 16 तिथियां होती हैं, पूर्णिमा, प्रतिपदा, द्वि‍तीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या। उक्त किसी भी एक तिथि में व्यक्ति की मृत्यु होती है चाहे वह कृष्ण पक्ष की तिथि हो या शुक्ल पक्ष की। श्राद्ध में जब यह तिथि आती है तो जिस तिथि में व्यक्ति की मृत्यु हुई है उस तिथि में उसका श्राद्ध करने का विधान है।
 
3. जिनकी मृत्यु पूर्णिमा को हुई है उनका श्राद्ध पूर्णिमा को करते हैं। इनका श्राद्ध केवल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा अथवा आश्विन कृष्ण अमावस्या को किया जाता है। इसे प्रोष्ठपदी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं।
 
4. जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई थी, उस तिथि पर घरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ नदी, तालाब आदि स्थानों पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तर्पण किया जाता है। 
 
5. इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि पर यानी पितृ पक्ष के पहले दिन ब्राह्मणों को दान-पुण्य और भोजन भी कराया जाता है। यह केवल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा अथवा आश्विन कृष्ण अमावस्या को किया जाता है। गाय, काले कुत्ते और कौए के लिए अलग से ग्रास निकालकर उन्हें खिलाना चाहिए।
 
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