• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. maha shivratri 2020 12 paap
Written By

महाशिवरात्रि पर जानिए शिवपुराण में 12 वर्णित पाप, कहीं आप तो नहीं करते ये पाप?

महाशिवरात्रि पर जानिए शिवपुराण में 12 वर्णित पाप, कहीं आप तो नहीं करते ये पाप? - maha shivratri 2020 12 paap
mahashivratri 2020


पं. दयानंद शास्त्री

शिवपुराण में कार्य, बात, व्यवहार और सोच द्वारा किए गए 12 पाप वर्णित हैं जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही शिव के कोप का भाजन होगा और कभी भी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता।
 
आपने सुना होगा कि ऊपर वाले से कुछ छुपा नहीं होता। यहां तक कि आप अपने मस्तिष्क में जो सोच रहे होते हैं, वह भी भगवान से छुपा नहीं है। इसलिए भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान न पहुंचाया हो, लेकिन अगर मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
 
-दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है।
 
-गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान भी आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
 
-शराब पीना, गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं जिसे भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते।
 
-दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी भगवान शिव की नजर में अक्षम्य अपराध और पाप है।
 
-गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना भी आपको इस श्रेणी में लाता है।
 
-किसी भोले-भाले और निरपराध इंसान को कष्ट देने, उसे नुकसान पहुंचाने या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाने या ऐसी सोच रखने वाले पाप भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी न देने योग्य पाप हैं।
 
-अच्छी बातें भूलकर बुरी राह को स्वयं चुनने वाले के पाप अक्षम्य होते हैं।
 
-शिवपुराण के अनुसार जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा न किया हो, लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है। 
 
- किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उसका दिल दुखाना शिव की नजरों में अक्षम्य अपराध और पाप है।
 
-  किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना 'छल' की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।
 
- समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।
 
- धर्म अनुसार मना की गईं चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना किसी भी हाल में स्वीकार नहीं होना चाहिए, वरना आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी रहेंगे।
 
- बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्तता मनुष्य को पाप का दोषी बनाती है।
ये भी पढ़ें
Maha Shivratri 2020 : भगवान भोलेनाथ जैसा वर चाहिए तो महाशिवरात्रि पर करें ऐसे पूजा