गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. इतिहास
  4. Birth of Lord rama and krishna

भगवान राम और भगवान कृष्ण कब हुए थे?

भगवान राम और भगवान कृष्ण कब हुए थे? - Birth of  Lord rama and krishna
उत्तर : अक्सर यह कहा जाता है‍ कि भगवान राम तो लाखों वर्ष पहले हुए थे, लेकिन शोधार्थी और प्रमाण कहते हैं कि वे ईसा पूर्व 5114 वर्ष पूर्व हुए थे। इसका मतलब ये कि वे 5114+2016=7130 वर्ष पूर्व हुए थे। यह शोध वाल्मीकि रामायण में उल्लेखित ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति और संपूर्ण भारतवर्ष में बिखरे पुरातात्विक अवशेषों के आधार पर हुआ।

लव और कुश की 50वीं पीढ़ी में शल्य हुए, जो महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े थे। इस आधार पर भी यह समय निकाला जा सकता है। श्रीराम की ऐतिहासिकता पर यह शोध वैज्ञानिक शोध संस्थान आई सर्व ने किया। इस शोध की अगुवाई सरोज बाला, अशोक भटनागर और कुलभूषण मिश्र ने की थी। नए शोध के अनुसार 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था।
 
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म : भगवान श्रीकृष्ण ने विष्णु के 8वें अवतार के रूप में जन्म लिया था। 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के जब 7 मुहूर्त निकल गए और 8वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व (अर्थात आज जनवरी 2016 से 5128 वर्ष पूर्व) श्रीकृष्‍ण का जन्म हुआ। ज्योतिषियों के अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।
आर्यभट्‍ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईपू में हुआ। इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए का तीर लगने से हुई थी। तब उनकी उम्र 119 वर्ष थी।
 
शोधकर्ताओं ने खगोलीय घटनाओं, पुरातात्विक तथ्यों आदि के आधार पर कृष्ण जन्म और महाभारत युद्ध के समय का सटीक वर्णन किया है। ब्रिटेन में कार्यरत न्यूक्लियर मेडिसिन के फिजिशियन डॉ. मनीष पंडित ने महाभारत में वर्णित 150 खगोलीय घटनाओं के संदर्भ में कहा कि महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को हुआ था। उस वक्त भगवान कृष्ण 55-56 वर्ष के थे। उन्होंने अपनी खोज के लिए टेनेसी के मेम्फिन यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. नरहरि अचर द्वारा 2004-05 में किए गए शोध का हवाला भी दिया।