क्यों रूसी सेना ने बनाया जपोरिजिया परमाणु संयंत्र को निशाना? क्या होगा यूक्रेन पर असर?
कीव। दक्षिणी यूक्रेन के एनेर्होदर शहर में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस के हमले के बाद प्रतिष्ठान में आग लग गई। इस स्थान पर देश की करीब 25 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है। रूसी हमले के बाद संयंत्र को बंद कर दिया गया। इससे यूक्रेन की बिजली सप्लाय बुरी तरह प्रभावित होगी।
विकिरण का स्तर सामान्य : संयंत्र के प्रवक्ता एन्ड्री तुज ने यूक्रेनी टेलीविजन को बताया कि आग को बुझाने के लिए लड़ाई रोकी जानी बेहद जरूरी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र अभी तक क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है और विकिरण का स्तर सामान्य है।
चर्नोबिल से 10 गुना बड़े धमाके की आशंका : यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि रूसी हमले में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में शुक्रवार को आग लग गई। उन्होंने ट्वीट किया कि रूसी सेना यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र, ज़ापोरिज्जिया एनपीपी पर हर तरफ से गोलीबारी कर रही है। आग पहले ही भड़क चुकी है। अगर इसे रोका नहीं गया, तो यह चर्नोबिल से 10 गुना बड़ा होगा। रूसियों को तुरंत आग को बंद करना चाहिए, अग्निशामकों को अनुमति देना चाहिए।
क्या बोला IAEA : अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का कहना है कि यूक्रेन में रूसी सेना के हमले का शिकार हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण के स्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। आईएईए के महानिदेशक मारियानो ग्रॉसी ने दोनों पक्षों से गोलाबारी बंद करने की अपील करते हुए कहा कि यदि परमाणु ऊर्जा को निशाना बनाया गया तो इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
रूसी सेना यूक्रेनी शहर एनेर्होदर पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ रही है, जहां यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है और उन्होंने देश को समुद्र मार्ग से काटने के लिए भी काफी मशक्कत की है। देश के नेताओं ने नागरिकों से आक्रमणकारियों के खिलाफ छापामार युद्ध करने का आह्वान किया है।
वहां लड़ाई ऐसे वक्त हो रही है, जब रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की बातचीत में नागरिकों को निकालने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाने के संबंध में एक अस्थायी समझौता हुआ है।