रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. रियो ओलंपिक 2016
  4. PV Sindhu Caste report not reliable
Written By
Last Updated : सोमवार, 22 अगस्त 2016 (13:30 IST)

#WebViral सिंधु की उपलब्धि को जातिवाद से जोड़ा गया?

#WebViral सिंधु की उपलब्धि को जातिवाद से जोड़ा गया? - PV Sindhu Caste report not reliable
रियो ओलंपिक में भारत के लिए रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधु के बारे में मीडिया में खबर आई थी कि जब सिंधु रियो ओलंपिक में भारत के लिए खेल रही थीं, तब आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में लोग गूगल पर उनकी जाति सर्च कर रहे थे।  
 
न्यूजमिनट में प्रकाशित इस रिपोर्ट में सिंधु की जाति सर्च पर अच्छा खासा समय दिया गया और रिपोर्ट इस प्रकार पेश की गई कि मानों लोगों की सिंधु की जाति के बारे में ही दिलचस्पी हो। इस रिपोर्ट में गूगल के आकंड़ों की मदद से काफी मेहनत की गई थी, लेकिन इस क्या यह रिपोर्ट सिर्फ गूगल के आंकड़ों के आधार पर इस बात पर अधिक ज़ोर नहीं दे रही थी कि भारत में आज भी जातिवाद अपने चरम पर है? लेकिन गूगल पर तो सिंधु के बारे में और भी आकड़े ठीक उसी समय उपलब्ध थे, जबकि इस रिपोर्ट में आकड़ों का उल्लेख है।  
 
मीडिया रिपोर्ट में संबंधित ट्रेंड को नजर अंदाज़ किया और सिर्फ जाति वाले ट्रेंड को फोकस करके रिपोर्ट दी गई। क्या इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर संदेह नहीं होना चाहिए? इस रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया है कि गूगल ट्रेंड और एडवर्ड कैसे काम करते हैं? तो क्या आधे अधूरे तथ्यों के साथ प्रकाशित इस रिपोर्ट का मकसद सिंधु की उपलब्धि को जातिवाद से जोड़ना था?  
 
इस रिपोर्ट को देश के बड़े मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित किया और बड़े पैमाने पर यह सोशल मीडिया पर शेयर की गई। 
 
न्यूज़ मिनट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि सिंधु की जाति को जुलाई के मुकाबले अगस्त माह में 10 गुना अधिक सर्च किया गया और लाखों करोड़ो भारतीयों ने सिंधु की जाति को गूगल पर खोजा। लेकिन लाखों करोड़ों के दावे को पुख्ता करने के लिए जो ग्राफ प्रस्तुत कियवा गया वह पूरी तरह विश्वसनीय नहीं हो सकता। सिंधु की जाति सर्च की इस रिपोर्ट को चुनौती दी जा सकती है, क्योंकि उस समय भारत में सिंधु के बारे में और भी जानकारियों खोजी जा रही थीं। 
 
क्या अन्य मीडिया संस्थानों ने भी इस रिपोर्ट की पुष्टि करना आवश्यक नहीं समझा? सवाल यह है कि अगर मीडिया ने सिंधु की जाति सर्च के संदर्भ में कुछ गलत आकंड़ों के आधार पर रिपोर्ट पेश की तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? 

मीडिया में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई तो लोगों ने काफीी गुस्सा भी जाहिर किया कि देश के लिए खेल रही सिंधु पर जाति आधारित सर्च करना क्या दर्शाता है? लोग बिना जाचं पड़ताल के कमेंट करने लगे और यह खबर सोशल मीडिया पर   वायरल हुई। लेकिन इतना तय है कि आंकड़ों की बाजीगरी इस रिपोर्ट में की गई थी, जिससे लोगों में गलत संदेश गया। 
ये भी पढ़ें
रियो ओलंपिक 2016 : सिंधु, साक्षी व दीपा को छोड़ शेष अप्रभावी