बुधवार, 18 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक आलेख
  4. Hari Har Milan Sawari 2021
Written By
Last Modified: मंगलवार, 16 नवंबर 2021 (15:07 IST)

वैकुण्‍ठ चतुर्दशी की मध्‍य रात्रि को होगा हरि से हर का मिलन

वैकुण्‍ठ चतुर्दशी की मध्‍य रात्रि को होगा हरि से हर का मिलन - Hari Har Milan Sawari 2021
उज्जैन। 17 नवंबर 2021 बुधवार को श्री महाकालेश्वर की सवारी रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्‍वर मंदिर से गोपाल मंदिर जाएगी। कहते हैं कि देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्‍णु पाताललोक राजा बली के यहां योग निद्रा में विश्राम करने जाते हैं। श्रीहरि के शयनकाल के दौरान संपूर्ण सृष्टि की सत्‍ता का संचालन शिवजी के पास होता है। फिर जब वे नींद्र से जागते हैं तो श्रीहरि को शिवजी पुन: सृष्टि का संचालन सौंप देते हैं।
 
 
श्री महाकालेश्‍वर भगवान (हर) और श्री द्वारकाधीश (हरि) हैं। अर्थात बाबा महाकालेश्वर गोपाल मंदिर जाकर श्रीहिर को उज्‍जैन की धर्मपरायण प्रजा के समक्ष सृष्टि का कार्य भार सौंप देते हैं। प्रतिवर्ष शिवजी कार्तिक शुक्‍ल चतुर्दशी अर्थात वैकुण्‍ठ चतुर्दशी के दिन श्रीहरि को उनकी सत्‍ता का भार वापस सौंपकर कैलाश पर्वत तपस्‍या हेतु लौट जाते हैं। इस धार्मिक परंपरा को हरिहर मिलन कहते हैं। 
 
कल श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के सभामंडप से श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सवारी हरिहर मिलन हेतु रात्रि 11 बजे प्रस्‍थान करेगी। सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी बाजार, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां भगवान श्री महाकालेश्‍वर एवं श्री द्वारकाधीश का पूजन होगा। एक और जहां बाबा महाकाल का पूजन विष्‍णुप्रिया तुलसीदल से किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर भगवान श्री विष्‍णु को शिवप्रिय बिल्‍वपत्र अर्पित किए जाएंगे। इस प्रकार दोनों की प्रिय वस्‍तुओं को एक दूसरे को अर्पित किया जाएगा। 
 
इस दुर्लभ दृश्‍य को देखने के लिए अपार भीड़ उमड़ती है। जीवन धन्‍य करने हेतु भक्‍त पूरे वर्ष उत्‍सुकता के साथ प्रतीक्षा करते हैं। यह अनूठी परंपरा वैष्‍णव एवं शैव संप्रदाय के समन्‍वय व परस्‍पर सौहार्द का प्रतीक है।
 
- गौरी जोशी/काले
ये भी पढ़ें
Prakash Parv Guru Nanak Dev Ji : गुरु पर्व/ प्रकाश पर्व क्या है, जानें गुरु नानक जयंती और नगर कीर्तन के बारे में...