धर्मयात्रा में हम इस बार आपको लेकर चल रहे हैं खण्डवा के प्रसिद्ध भवानी माता मंदिर में। धूनीवाले दादाजी के दरबार के पास स्थित यह मंदिर माता तुलजा भवानी को समर्पित है।
कहते हैं भगवान राम अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर आए थे और यहाँ उन्होंने नौ दिनों तक तपस्या की थी। नवरात्र में यहाँ नौ दिनों तक मेला लगता है, जिसे देखने और माता के दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष हजारों लोग यहाँ आते हैं।
मंदिर के गर्भगृह में चाँदी की नक्काशी की गई है। माता का मुकुट और छत्र भी चाँदी से बने हुए हैं। पहले भवानी माता को नकटी माता के नाम से जाना जाता था, परंतु दादाजी धूनीवले के आग्रह पर लोग देवी को भवानी माता के नाम से संबोधित करने लगे।
मंदिर परिसर अत्यंत सुंदर और मनमोहक है। मंदिर के प्रवेश द्वार का स्तंभ शंख की आकृति लिए हुए है। परिसर के अंदर एक विशाल दीपशिखा है, जिस पर शंख की आकृति में दीपक बने हुए हैं।
भवानी माता के मंदिर के पास ही श्रीराम मंदिर, तुलजेश्वर हनुमान मंदिर और तुलजेश्वर महादेव मंदिर स्थित हैं। इन मंदिरों में स्थापित मूर्तियाँ अत्यंत दर्शनीय हैं। बिन माँगी मुरादें पूरी करने वाली तुलजा भवानी का यह मंदिर सम्पूर्ण निमाड़ क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केन्द्र है।
कैसे पहुँचें : खण्डवा भारत के सभी प्रमुख शहरों से रोड और रेल से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्या एयरपोर्ट, इंदौर करीब 140 किमी की दूरी पर स्थित है।