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Last Updated : बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (17:37 IST)

माखनलाल बिंदरू की बेटी की आतंकियों को खुली चुनौती

अगर हिम्मत है तो सामने आकर सामना करें शांति भंग करने वाले

माखनलाल बिंदरू की बेटी की आतंकियों को खुली चुनौती - You cant kill his spirit: Daughter of pharmacist shot dead in Srinagar challenges his killers to a debate
जम्मू। माखनलाल बिंदरू की बेटी डॉ. श्रद्धा बिंदरू ने कहा है कि मेरे पिता जो कि एक कश्मीरी पंडित हैं, वे कभी नहीं मरेंगे। उन्होंने कहा कि आतंकी सिर्फ शरीर को मार सकते हैं पर मेरे पिता हमेशा आत्मा के रूप में जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो सामने आओ, तुम लोग केवल पत्थर फेंक सकते हो या पीछे से गोली चला सकते हो।

तुमने एक शरीर उड़ा दिया लेकिन मैं अपने पिता की बेटी हूं, आ मेरे सामने और सामना कर। गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकियों ने मंगलवार को तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन व्यक्तियों को मौत के घाट उतार दिया। इन हमलों में तीन नागरिकों की मौत हो गई।
 
श्रद्धा ने घाटी में बेगुनाहों का खून बहा रहे कायर आतंकवादियों और पथराव करने वालों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि ‘मैं अपने पिता की कश्मीरी हिंदू बेटी हूं। आओ और मेरा सामना करो अगर तुममें हिम्मत है।’
 
श्रद्धा बिंदरू ने पिता के अंतिम संस्कार से पहले पत्रकारों से जिस बेबाकी से बात की, उसने सभी को अपना कायल कर दिया। कश्मीरी पंडित बेटी की इस बहादुरी को हर किसी ने सराहा। श्रद्धा ने कहा कि आतंकी अगर सोचते हैं तो उन्होंने कश्मीरी पंडित को मारकर उनके परिवार को डरा दिया है तो वे गलत हैं। उनके पिता ने जो शिक्षा और संस्कार दिए हैं, वह उन्हें झुकने नहीं देंगे। वे अपने पिता को आंसू बहाते हुए विदा नहीं करेंगी।
 
मेरे पिता ने उस दौरान भी कश्मीर को नहीं छोड़ा जब बाकी पलायन कर गए थे। वे और उनका भाई अपने स्कूल-कॉलेजों में अकेले हिन्दू थे, जो बेबाकी से पढ़ाई करने के लिए जाया करते थे। हमें गर्व है कि मेरे पिता ने हमें अच्छी शिक्षा दी।
 
श्रद्धा बिंदरू ने आतंकवादियों से कहा कि वे पत्थरों और बंदूकों के बजाय शिक्षा से लड़ें। ‘वह कौन है जिसने मेरे पिता को मार डाला, मेरे सामने आओ, तुम्हारे पास कुछ शिक्षा है? मेरे पिता ने मुझे शिक्षा दी, राजनेताओं ने आपको बंदूकें और पत्थर दिए, आप बंदूक और पत्थरों से लड़ना चाहते हैं। आपको यह समझना होगा कि आपका इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर कश्मीर के लिए बेहतरी चाहते हो तो सामने आओ और शिक्षा से लड़ो’।
 
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पिता एक फाइटर थे। वे हमेशा कहा करते थे कि जब उनकी मौत होगी, उनके पांव में जूते होंगे। वे हिन्दू हैं परंतु कुरान भी पढ़ती हैं उसमें लिखा है कि केवल शरीर मरता है आत्मा अमर है। वह शरीर को चोले की तरह बदलती है। आतंकवादियों ने जिस बिंदरु को मारा वह केवल शरीर था, उनकी पवित्र आत्मा आज भी उनके साथ है। मैं उसी बिंदरू की बेटी हूं, मैं यहां खड़ी हुई जिस किसी में भी हिम्मत है, मेरे सामने आए और मुझसे बात करे। मैं उसका जवाब दूंगी।