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Last Modified: उत्तरकाशी , गुरुवार, 23 नवंबर 2023 (23:15 IST)

उत्तरकाशी टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर, रेस्क्यू के बीच में आई बड़ी परेशानी

uttarkashi tunnel rescue operation
उत्तरकाशी। Uttarakhand Rescue : अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने गुरुवार शाम को कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में मलबे के रास्ते ड्रिलिंग करने वाली ‘ऑगर’ मशीन में फिर से कुछ समस्याएं आ रही हैं। उत्तराखंड की टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए है। 
 
सुरंग के रास्ते में लोहे के सरिए मिलने के बाद बुधवार को छह घंटे तक बचाव अभियान बाधित रहा था। उसके कुछ घंटे बाद डिक्स की यह टिप्पणी सामने आई है।
 
गुरुवार को अभियान फिर शुरू होने से पहले विशेषज्ञों ने उस अवरोध को दूर कर दिया था। मशीन में समस्या आने के कारण शुक्रवार दोपहर से मंगलवार रात तक ड्रिलिंग रोक दी गई थी।
 
डिक्स ने कहा कि ऑगर मशीन में तीसरी बार कुछ समस्या आ रही है। पहले भी ऐसी समस्या आई थी।'
 
उन्होंने मौजूदा समस्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया और उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि मशीन में समस्या से बचाव अभियान में कितनी देरी होगी क्योंकि अभियान 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
 
उन्होंने कहा कि 'सुरंग में फंसे हुए मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं, ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना बहुत आवश्यक है। अगर हम इस तरह की स्थिति में जल्दबाजी करते हैं तो ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।'
 
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जोरों पर है और विभिन्न एजेंसियां ​​कई बचाव विकल्पों पर काम कर रही हैं। सुरंग निर्माण संबंधी विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ के प्रमुख डिक्स परामर्श देने के लिए अभी सिलक्यारा में हैं। एजेंसियां
 
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि श्रमिकों के बाहर निकलने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है। सुरंग के बाहर भी चिकित्सकों तथा उपकरणों से लैस एंबुलेंस तैयार खड़ी हैं।
 
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिक ठीक है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग में काम करने वाले लोग मानसिक रूप से दृढ़ होते हैं और इन लोगों को यह भी पता है कि उन्हें बाहर निकालने के लिए जबरदस्त प्रयास किए जा रहे हैं तो वे आशान्वित हैं।’’
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