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Last Updated :नैनीताल , शुक्रवार, 22 सितम्बर 2023 (22:30 IST)

Joshimath landslide: हाई कोर्ट ने पूछा- विशेषज्ञों की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?

Joshimath landslide: हाई कोर्ट ने पूछा- विशेषज्ञों की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही? - Uttarakhand High Court questions the report of Joshimath landslide
Joshimath landslide: उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) ने जोशीमठ भू-धंसाव (Joshimath landslide) पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने के राज्य सरकार के निर्णय के औचित्य पर सवाल उठाया है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर आदेश में कहा कि हमें कोई कारण नहीं दिखता कि राज्य को विशेषज्ञों द्वारा तैयार रिपोर्ट गुप्त रखना चाहिए और उसे जनता के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए।
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि वास्तव में उक्त रिपोर्ट जनता को महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराएंगी और जनता को उनसे विश्वास होगा कि राज्य स्थिति से निपटने के लिए गंभीर है। इससे पहले एक आदेश में उच्च न्यायालय ने जल विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र, हिमनद विज्ञान, आपदा प्रबंधन, भू-आकृति विज्ञान और भूस्खलन के क्षेत्र में काम कर रहे स्वतंत्र विशेषज्ञों से भू-धंसाव मुद्दे का अध्ययन करने को कहा था।
 
उच्च न्यायालय को बुधवार को जोशीमठ भू-धंसाव संकट पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में उपलब्ध करा दी गईं। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को इन रिपोर्ट के बारे में नहीं पता चला होगा, क्योंकि राज्य ने इन्हें सार्वजनिक नहीं किया है। जोशीमठ में साल की शुरुआत में भू-धंसाव संकट गहराने की ओर अधिकारियों का ध्यान खींचने वाली जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति लंबे समय से विशेषज्ञों की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की मांग कर रही है।
 
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय भूजल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रूड़की जैसे 8 केंद्रीय तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों को जोशीमठ भू-धंसाव की समस्या और उसके कारणों का अध्ययन करने को कहा गया था। इन संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जनवरी के अंत तक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी थी लेकिन उन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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