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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 5 जनवरी 2015 (18:17 IST)

कश्मीर की शांति फिर जुड़ी अफगानिस्तान के हालात से

कश्मीर की शांति फिर जुड़ी अफगानिस्तान के हालात से - Taliban, kashmir, Indian mujahiddin,
श्रीनगर। कश्मीर की शांति पुनः अफगानिस्तान के हालात से जुड़ चुकी है। सेना इसके प्रति चेताने लगी है। उसकी चेतावनी ठोस सुबूतों पर टिकी हुई है। वर्ष 1990 में अफगानिस्तान से रूसी फौजों की वापसी और फिर 1996 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानियों के कब्जे के बाद ही कश्मीर में तालिबानियों के प्रवेश ने कश्मीर को नर्क बना डाला था।
 
हालांकि सेना अभी इसके प्रति सिर्फ आशंका ही प्रकट कर रही है पर हालात बता रहे हैं कि अफगानिस्तान से अमेरीकी फौजों की वापसी और अमेरीकी-पाकिस्तानी संबंधों में आई खटास का सीधा असर कश्मीर पर पडे़गा जहां अफगान मुजाहिदीनों को धकेलने में पाक सेना कोई कोर कसर इसलिए नहीं छोड़ना चाहेगी क्योंकि वह देश के भीतर बन रहे हालात से पाकिस्तानी जनता का ध्यान हटाना चाहती है।
 
भारतीय सेना की संवेदनशील नार्दन कमांड के कई अधिकारी इसके प्रति चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल रहे हैं। वे कहते थे कि पिछले 14 सालों का अनुभव यही कहता है कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ है उसका असर पाकिस्तान पर पड़ा है और उसका सीधा परिणाम कश्मीर को सहन करना पड़ा है।
 
इन अधिकारियों के मुताबिक, 1990 में रूसी फौजों ने अफगानिस्तान छोड़ा तो अफगान मुजाहिदीन कश्मीर की ओर आने शुरू हो गए और अब अगले साल अमेरीकी फौज के अफगानिस्तान छोड़ने की चर्चाएं हैं जो कश्मीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
 
हालांकि वे कहते थे कि कश्मीर की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े व पुख्ता प्रबंध हैं पर बावजूद इसके घुसपैठिए घुसने में कामयाब हो जाते हैं। इसकी पुष्टि अन्य सूत्रों द्वारा भी की जा चुकी है जिनके अनुसार, पिछले तीन सालों के भीतर 500 के करीब आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। यह आंकड़ा सुरक्षा एजेंसियों का है जबकि जमीनी हालात कहते हैं कि घुसने में कामयाब होने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है।
 
यही कारण था कि इन सर्दियों और इस साल कश्मीर सीमा के गर्म रहने की आशंका व्यक्त कर सेना कश्मीरियों की नींद उड़ने लगी है। सेनाधिकारी तो यहां तक कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में घुसपैठ को कामयाब बनाने की खातिर पाक सेना सीजफायर को भी पूरी तरह से दांव पर लगा सकती है। वैसे भी वह कई बार एलओसी पर गोलाबारी कर इसे खत्म करने का प्रयास कर चुकी है।