बड़ा फैसला! शनि शिंगणापुर में महिलाएं भी करेंगी पूजा...
अहमदनगर (महाराष्ट्र)। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर लंबे समय तक कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए गए अभियान के बाद शुक्रवार को मंदिर के ट्रस्ट ने दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी।
मंदिर के इस भाग में प्रवेश करने के सारे लैंगिक प्रतिबंधों को हटाने की यह खुशखबरी भी महाराष्ट्र के लोगों को ‘गु़ड़ी पड़वा’ जैसे पवित्र दिन पर मिली है। इस दिन राज्य में लोग नए साल की खुशियां मनाते हैं।
मंदिर के एक ट्रस्टी सियाराम बांकर ने कहा कि शुक्रवार को ट्रस्टियों ने बैठक की और उच्च न्यायालय के निर्णय को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया कि मंदिर में सभी भक्तों को बिना किसी रोक के प्रवेश की अनुमति दी जाए जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हों।
उन्होंने कहा कि हम दर्शन के लिए आने पर तृप्ति देसाई (भूमाता ब्रिगेड की नेता) का भी स्वागत करेंगे। यह बात उन्होंने ब्रिगेड द्वारा मंदिर के नियमों को बदलने के लिए चलाए गए अभियान का जिक्र करते हुए कही।
ट्रस्ट के प्रवक्ता हरिदास गायवले ने कहा कि ट्रस्ट ने बैठक में निर्णय किया कि अब किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा और मंदिर के सभी हिस्से सभी के लिए खुले रहेंगे। बंबई उच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल को आदेश दिया था कि पूजास्थलों पर पूजा करना महिलाओं का मूल अधिकार है और सरकार का काम इसकी रक्षा करना करना है।
तृप्ति देसाई ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी ओर से उठाया गया यह समझदारीभरा कदम है। उन्होंने कहा कि देर से आए लेकिन दुरुस्त आए। उन्होंने उम्मीद जताई कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर भी महिलाओं के खिलाफ अन्यायपूर्ण स्थिति पर ऐसे ही निर्णय लेंगे। (भाषा)