Rishabh Pant Car Accident: पंत के स्वास्थ्य में आ रहा है सुधार, दुर्घटना के बाद गर्माई राजनीति
देहरादून। भारतीय क्रिकेट टीम के कार दुर्घटना में घायल विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है। उनके शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द और सूजन की समस्या बनी हुई है। पंत को पेन मैनेजमेंट थैरेपी देकर उनको हो रहे दर्द को कम करने की कोशिश की जा रही है। लिगामेंट की चोट के उपचार पर निर्णय बीसीसीआई के परामर्श से होना है।
देहरादून मैक्स अस्पताल में भर्ती स्टार भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के हालचाल जानने के लिए अस्पताल में वीआईपी के आवागमन से ऋषभ को आराम नहीं मिल पा रहा है। ऋषभ के परिजन भी उनसे मिलने आने वालों से ऋषभ को आराम दिए जाने की अपील कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पंत कई जगह गंभीर चोट लगने व लिगामेंट फटने की वजह से काफी दर्द में हैं। उन्हें इस दर्द से पूरी तरह निजात मिलने में थोड़ा समय लग सकता है।
वैसे डॉक्टरों को उम्मीद है कि अगले 24 घंटों में उनको काफी आराम मिलेगा। 5 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम चौबीसों घंटे उनकी सेहत पर नजर रखे हैं।
ऋषभ पंत के कार हादसे की जांच-पड़ताल के लिए दिल्ली से 'सेव लाइफ फाउंडेशन' की टीम ने भी दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की है। टीम ने बारीकी से क्रिकेटर ऋषभ पंत की जली कार का मुआयना किया।
टीम में आई टेक्निकल टीम ने पूरी कार को देखा। इसके बाद टीम ने फिर से राष्ट्रीय राजमार्ग की छानबीन शुरू कर दी। यह टीम जगह-जगह से वीडियोग्राफी कर बारीकी से जांच में जुटी है। टीम ने डिवाइडर आदि की भी वीडियोग्राफी की और यह टीम जांच कर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, दिल्ली हेडक्वार्टर को देगी। इस दुर्घटना के कारणों को लेकर राजनीति भी शुरू हो चली है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का हाईवे में गड्ढे से न संभल पाना और उनका इस तरह गंभीर दुर्घटना का शिकार हो जाना उत्तराखंड की सड़कों की हालत बयां करती है। रावत ने कहा कि खराब सड़कों के कारण राज्य में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
पंत के हादसे के बाद परिवहन विभाग भी हरकत में दिख रहा है और उसने हादसे रोकने के लिए 20 सूत्री मास्टर प्लान तैयार किया है। परिवहन विभाग के खुद के आंकड़ों के अनुसार 5 साल में उत्तराखंड में 7 हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाओं में 5,040 लोगों की जान चली गई। बीते साल 2022 में ही लगभग 500 सड़क हादसों में 300 से अधिक लोगों की जान चली गई।
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर पंत की कार की दुर्घटना स्थल के आसपास एनएचएआई ने शनिवार की देर रात तक सड़क की मरम्मत कराई। कोहरे में बैरिकेडिंग लगाकर कराए जा रहे काम से लोगों को हुई असुविधा के चलते लोगों की कर्मचारियों के साथ कहासुनी भी हुई। एनएचएआई, परिवहन और दिल्ली से आई टीम ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम ने सड़क सुरक्षा के मद्देनजर कुछ जगहों को चिन्हित भी किया।
दुर्घटनास्थल के पास रजवाहे के समीप हाईवे पर चौड़ाई कम थी। निरीक्षण के दौरान पता चला था कि कुछ जगह पर सड़क की बजरी उखड़ी हुई थी व हल्के गड्ढे भी बने हुए थे। इसके चलते यहां पर जंपिंग प्वॉइंट नजर आ रहा था। इसके बाद सड़क की मरम्मत की गई।
Edited by: Ravindra Gupta