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Last Modified: बुधवार, 19 जुलाई 2017 (22:56 IST)

कॉपीराइट मामले में राकेश रोशन को कोर्ट का झटका

कॉपीराइट मामले में राकेश रोशन को कोर्ट का झटका - Rakesh Roshan, Copyright case
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कॉपीराइट के मामले में बॉलीवुड फिल्म निर्माता एवं निदेशक राकेश रोशन की याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिससे उनकी परेशानियां बढ़ सकती है। 
       
न्यायालय की एकलपीठ ने आज राकेश रोशन की याचिका को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो गए हैं। देहरादून निवासी रूप नारायण सोनकर ने बॉलीवुड फिल्म निर्माता एवं निदेशक के खिलाफ डालनवाला थाने में कॉपीराइट से संबंधित एक मामला दर्ज कराया था। 21 मई 2016 को दर्ज इस मामले में लेखक रूप नारायण ने आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता एवं निर्देशक ने अपनी फिल्म कृश-3 में उनके उपन्यास सूअरदान के अंशों की नकल की है। राकेश रोशन ने इसमें उनकी कोई सहमति नहीं ली गई है।
       
इस मामले में अपने को घिरा देख राकेश रोशन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्होंने याचिका दायर कर प्राथमिकी को खत्म करने एवं गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की। इसके बाद न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी लेकिन मामले की जांच जारी रही।
       
लेखक सोनकर की ओर से आज अदालत को बताया गया कि राकेश रोशन के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो गया है। इस पर न्यायमूर्ति बीके बिष्ट ने मामले को सुनने के बाद राकेश रोशन की गिरफ्तारी संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद अब साफ हो गया है कि राकेश रोशन के खिलाफ उत्तराखंड में कॉपीराइट का मामला चलेगा और यही नहीं इस मामले में राकेश रोशन की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
         
लेखक की ओर से ये आधार बताए गए हैं। कृश-3 फिल्म में आदमी और जानवर को मिलाकर नया जीव बनाया गया है जो कि उपन्यास का अंश है। फिल्म में उपन्यास का खलनायक व्हीलचेयर में चलता है। फिल्म में नायक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त है। उसे इलाज के लिए बाहर ले जाया जाता है। फिल्म की हीरोइन गर्भवती है और वह खलनायक के कब्जे में है। उसे सहनायिका बचा लेती है। अंत में प्लेन क्रेश हो जाता है। लेखक की ओर से कहा गया है कि सूअरदान उपन्यास 2010 में प्रकाशित हुआ है, जबकि फिल्म 2013 में प्रदर्शित हुई। (वार्ता)
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