इंदौर। मध्यप्रदेश के दिल कहे जाने वाले इंदौर शहर में पी. नरहरि ने जिलाधीश का पदभार शुक्रवार को ग्रहण किया और पद संभालते ही कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य और शिक्षा रहेगी। वैसे शहर की तारीर से वे पूर्व परिचित हैं और 2005 में इंदौर नगर निगम के आयुक्त भी रहकर राष्ट्रीय स्तर पर इंदौर को पुरस्कार भी दिलवा चुके हैं।
40 वर्षीय पी. नरहरि ने जिलाधीश का पद ग्रहण करने के पूर्व इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में जाकर विधिवत पूजा अर्चना की और फिर सुबह 10 बजे जिलाधीश कार्यालय जाकर अपना पदभार ग्रहण किया। पद संभालने के बाद उन्होंने संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया।
चूंकि जिलाधीश कार्यालय में महीने की पहली तारीख को परिसर में ही 'वंदे मातरम' का कार्यक्रम होता है, लिहाजा उन्होंने इस कार्यक्रम में शिरकत की। यहीं पर उन्होंने अपने तमाम मातहत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा 'मेरा नाम पी. नरहरि है और मैं ग्वालियर में जिलाधीश के रूप में तीन साल चार माह का कार्यकाल पूरा करके आया हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे यहां सभी का पूरा सहयोग मिलेगा।'
इंदौर के नए जिलाधीश ने पूरे कलेक्टर कार्यालय का निरीक्षण किया और वे हर दफ्तर की टेबल तक गए और कर्मचारियों से उनके कार्य की जानकारी ली।
पी. नरहरि ने कहा कि मैं जिलाधीश के रूप में सिवनी, सिंगरोली और ग्वालियर का अनुभव लेकर इंदौर आया हूं। मुझे यहां की कार्यशैली समझने में तीन माह का वक्त लगेगा। इसके बाद मेरे पास दो साल का वक्त रहेगा और वक्त ही बताएगा कि मैं शहरवासियों की कसौटी पर कितना खरा उतरता हूं।
उन्होंने कहा कि मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता स्वास्थ्य और शिक्षा है। इसके अलावा 'स्मार्ट सिटी परियोजना' को मूर्त रूप देना है। जिलाधीश आकाश त्रिपाठी ने शहर की भलाई के लिए जो भी कार्य प्रारंभ किए हैं, उन्हें आगे बढ़ाना है।
उल्लेखनीय है कि पी. नरहरि आज ही सुबह ग्वालियर से इंदौर पहुंचे हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी पहले से सक्रिय हैं। 'पी. नरहरि आईएएस' नामक उनके फेसबुक पेज पर लगभग 64 हजार फैंस हैं। वे ट्विटर पर भी हैं, जहां उनके फॉलोअर्स की संख्या 2500 है। इंदौर पहुंचते ही उन्होंने अपने फेसबुक पेज का प्रोफाइल भी बदल दिया है। यहां पर उनकी तस्वीर के साथ इंदौर की शान कहे जाने वाले 'राजबाड़ा' की तस्वीर चस्पा है। साथ में फेसबुक पेज पर यह संदेश भी है...
नमस्कार इंदौर,
आज मैंने कलेक्टर इंदौर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया हैं। मैं चाहूंगा की आप मुझसे सीधा संपर्क में रहे एवं अपने अमूल्य सुझाव मुझे दे। मैं प्रयास करूँगा की नागरिकों से संबंधित विषयों पर एवं शहर/जिला विकास से संबंधित मुद्दों पर आपसे बात करूँ। मुझे पूरा विश्वास हैं कि आप सबके सहयोग से आपके अपेक्षाओं के अनुरूप मैं काम करूँगा एवं परिणाम भी दूंगा।
-पी नरहरि,
कलेक्टर, इंदौर
2001 बैच के आईएस अफसर पी. नरहरि का पूरा नाम परीकिपंडला नरहरि है। उनका जन्म 1 मार्च 1975 को करीमनगर (तेलंगाना) में हुआ। उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद अर्थशास्त्र में एमए किया। वे 'हू ओंस महू' और 'द मेकिंग ऑफ लाड़ली लक्ष्मी योजना' नामक दो पुस्तकें भी लिख चुके हैं।
2014 में उन्हें दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा भी अनेक अवसरों पर उन्हें पुरस्कृत किया गया। चूंकि वे प्रदेश में अपनी आईटी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं, लिहाजा उम्मीद की जा रही है आने वाले समय में इंदौर प्रशासन के आदेश फेसबुक पर भी मिलने लगेंगे। (वेबदुनिया न्यूज)