NEET candidate Jagateshwaran Case : मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक 19 वर्षीय जगतेश्वरन को आखिरी क्षण तक राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में सफल होने की उम्मीद थी, लेकिन अचानक उसने अपना निर्णय बदला और आत्महत्या कर ली। इस बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने युवाओं से अपील की कि वे आत्महत्या के बारे में सोचने से बचें और जीवन की कठिनाइयों का आत्मविश्वास के साथ सामना करें।
				  																	
									  
	 
	इस घटना से पूरे तमिलनाडु में लोग सदमे में हैं। जगतेश्वरन के पिता भी अपने बेटे की मौत से उबर नहीं पाए और उन्होंने भी अपनी जान दे दी। आत्महत्या से कुछ घंटे पहले तक जगतेश्वरन अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा पास करने को लेकर पूर्णतया आश्वस्त था और उसने अपने पिता को यहां एक कोचिंग सेंटर में फीस का भुगतान करने के लिए मना लिया।
				  
	 
	जगतेश्वरन के पिता पी. सेल्वाशेखर ने रविवार को कहा था, मैंने यह भी सुझाव दिया था कि वह पढ़ाई के लिए अपने भाई के साथ विदेश जाए, लेकिन उसने कहा कि वह फिर से परीक्षा देगा और अर्हता अंक प्राप्त कर लेगा तथा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेगा। सेल्वाशेखर अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश कर रहे थे और पेशे से इवेंट फोटोग्राफर थे।
				  						
						
																							
									  
	 
	लेकिन शनिवार की रात को जब फोन पर सेल्वाशेखर का अपने बेटे से संपर्क नहीं हो पाया तो उन्होंने अपने एक दोस्त और एक फोटोग्राफर सहयोगी से मदद मांगी और यह पता करने को कहा कि उनके बेटे ने उनके फोन कॉल का जवाब क्यों नहीं दिया।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	जगतेश्वरन को यहां क्रोमपेट के कुरिंजी नगर स्थित मकान में फंदे से लटका हुआ पाया गया था। पुलिस ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि 48 वर्षीय सेल्वाशेखर अपने बेटे की मौत का गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद रविवार रात उन्होंने भी अपने घर में फंदे से लटककर जान दे दी।
				  																	
									  
	 
	घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन पुलिस की पूछताछ से पता चला कि जगतेश्वरन ने 2021 में सीबीएसई स्कूल से 12वीं पास की थी और 500 में से 427 अंक हासिल किए थे। इसके बाद वह दो बार नीट की परीक्षा में बैठा, लेकिन असफल रहा। चितलापक्कम पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है।
				  																	
									  आत्महत्या की नीट संबंधी घटना के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सलाह : राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) के एक परीक्षार्थी के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटना के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने युवाओं से सोमवार को अपील की कि वे आत्महत्या के बारे में सोचने से बचें और जीवन की कठिनाइयों का आत्मविश्वास के साथ सामना करें।
				  																	
									  
	 
	स्टालिन ने नीट संबंधी छूट से जुड़े तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव पर राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणी का जिक्र करते हुए दावा किया कि कुछ महीनों में राजनीतिक बदलाव होने पर नीट द्वारा खड़ी की गई बाधाएं ढह जाएंगी। उन्होंने कहा, फिर वे लोग गायब हो जाएंगे, जो कहते हैं कि मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा।
				  																	
									  
	 
	तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा था कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे। इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। स्टालिन ने यहां जारी एक बयान में कहा, मैं छात्र जगतीश्वरन और उसके पिता सेल्वाशेखर की मौत की घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कामना की कि नीट के कारण अब और किसी की मौत नहीं हो।
				  																	
									  
	 
	मुख्यमंत्री ने जगतीश्वरन की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह उसके परिवार को सांत्वना कैसे दें। स्टालिन ने कहा, जगतीश्वरन के पिता सेल्वाशेखर ने भी अगले दिन आत्महत्या कर ली। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उसके परिवार एवं मित्रों को कैसे सांत्वना दूं।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने कहा कि पढ़ाई में होशियार जगतीश्वरन के माता-पिता अपने बेटे को एक चिकित्सक बनते देखना चाहते थे, लेकिन वह नीट परीक्षा की वेदी पर चढ़ने वाले पीड़ितों की सूची में शामिल हो गया, जो कि एक बहुत भयानक घटना है।
				  																	
									  
	 
	स्टालिन ने एक बयान में कहा, मैं अपील करता हूं कि कोई भी छात्र किसी भी परिस्थिति में अपनी जान लेने का कभी फैसला नहीं करे। आपके विकास में बाधा नीट को रद्द किया जाएगा। राज्य सरकार इस दिशा में कानूनी पहल पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने तमिलनाडु को नीट से छूट देने की मांग करने वाले विधानसभा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल ने पहले प्रस्ताव को लौटा दिया और दूसरा प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया। मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि राज्यपाल रवि विधेयक को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहते हैं। नीट परीक्षा महंगी हो गई है और इसका खर्च केवल अमीर लोग ही उठा सकते हैं।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने दावा किया कि जो लोग बड़ी रकम खर्च करके पढ़ाई नहीं कर सकते, वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें केवल नीट उत्तीर्ण करने वाले छात्र मेडिकल कॉलेज में तभी दाखिला ले सकते हैं यदि उनके पास पैसा है और मेडिकल शिक्षा केवल अमीरों के लिए है।
				  																	
									  
	 
	स्टालिन ने कहा, इसके बावजूद राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों के गरीब छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज में 7.5 प्रतिशत आरक्षण लेकर आई, लेकिन राज्यपाल समझ नहीं रहे। ऐसा संदेह है कि वह कोचिंग संस्थाओं की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।
				  																	
									  
	 
	मुख्यमंत्री ने रवि पर छात्रों को आमंत्रित करके राजभवन में कक्षाएं आयोजित करने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्यपाल ने शनिवार को एक संवाद के दौरान एक छात्र के पिता द्वारा सवाल किए जाने पर यह कहकर अपनी अज्ञानता का परिचय दिया कि वह नीट छूट विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
				  																	
									  
	 
	स्टालिन ने कहा, इस विधेयक को उनके हस्ताक्षर का इंतजार नहीं है। यह राष्ट्रपति के पास है। जहां तक इसका सवाल है, तो राज्यपाल के पास इस मामले में कोई अधिकार नहीं है, जबकि वह ऐसा दिखा रहे हैं कि उनके पास अधिकार हैं। जगदीश्वरन की तरह चाहे कितने भी लोगों की जान चली जाए, राज्यपाल आरएन रवि का दिल नहीं पिघलेगा। ऐसे पत्थर दिल लोगों के दौर में मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने कहा, नीट के कारण होने वाली यह आखिरी मौत हो। एक उज्ज्वल भविष्य आप छात्रों का इंतजार कर रहा है। आत्मविश्वासी बनिए। जीवन जिएं तथा और को भी जीने दें। मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करता हूं कि आत्महत्या करने के बारे में सोचने की प्रवृत्ति से दूर रहें।
	Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)