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Last Updated :मुंबई , बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:39 IST)

महाराष्ट्र चुनाव में होगा अपनों का अपनों से मुकाबला

महाराष्ट्र चुनाव में होगा अपनों का अपनों से मुकाबला - Maharashtra Assembly elections
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कई नेता प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के उम्मीदवार बनकर अपने ही रिश्तेदारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एवं राकांपा के नेता अनिल देशमुख के भतीजे आशीष देशमुख काटोल में अपने ही चाचा के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। अनिल वर्ष 1995 से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
 
आशीष पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे हैं और भाजपा के उम्मीदवार हैं, वहीं उनका बड़ा भाई अमोल 15 अक्टूबर को होने वाले चुनावों में रामटेक से राकांपा का उम्मीदवार है।
 
आशीष ने कहा कि वह हमेशा से भाजपा के साथ थे और उन्होंने वर्ष 2009 में सोवनेर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने बताया कि मैं बहुत कम अंतर से हारा। मैं छोटे राज्यों का समर्थक हूं जिसका समर्थन भाजपा करती है। 
 
उन्होंने बताया कि राकांपा ने विदर्भ के साथ अन्याय किया है और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि राकांपा को क्षेत्र में एक भी सीट न मिले। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक विचाधाराएं पारिवारिक संबंधों के आड़े नहीं आतीं।
 
आशीष के भाई अमोल की रुचि कांग्रेस से टिकट हासिल करने में थी, लेकिन पार्टी ने टिकट शिवसेना के नेता से कांग्रेस सदस्य बने सुबोध मोहिते को दे दी। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ने के बजाय अमोल राकांपा में चले गए।
 
दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के घर में राजनीति के कारण उस समय एक विभाजन पैदा हो गया था, जब उन्होंने वर्ष 2009 में परली विधानसभा क्षेत्र में अपनी जगह उतारने के लिए अपने भतीजे धनंजय की जगह अपनी बड़ी बेटी पंकजा को चुना।
 
धनंजय को विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था। वे भाजपा छोड़कर राकांपा में शामिल हो गए। इन विधानसभा चुनावों में ये दोनों चचेरे भाई-बहन एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं।
 
अपने पिता के अचानक निधन के बाद भाजपा की राज्य इकाई के केंद्रीय मंच पर लाई गईं पंकजा एक बार फिर परली से चुनाव लड़ रही हैं जबकि उनके चचेरे भाई धनंजय शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के उम्मीदवार हैं।
 
कांग्रेस के सदस्य संजय देवताले उस समय भाजपा के खेमे में चले गए, जब पार्टी ने वरोरा से उनकी जगह उनकी भाभी असावरी देवताले को उतार दिया। अब देवताले को पहली बार चुनाव लड़ रही असावारी के खिलाफ उतारा गया है। (भाषा)