• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Dr. Ashok Kumar Bhargava
Written By
Last Updated : रविवार, 22 दिसंबर 2019 (18:58 IST)

श्रेष्ठ निर्वाचन प्रक्रिया एवं पहल हेतु राष्ट्रीय अवॉर्ड के लिए रीवा कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव चयनित

दिव्यांग मतदाताओं के मतदान में रीवा संभाग रहा सबसे

श्रेष्ठ निर्वाचन प्रक्रिया एवं पहल हेतु राष्ट्रीय अवॉर्ड के लिए रीवा कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव चयनित - Dr. Ashok Kumar Bhargava
रीवा। रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव को श्रेष्ठ निर्वाचन प्रक्रिया एवं पहल हेतु राष्ट्रीय अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया है। उनके प्रयास से विगत लोकसभा चुनाव में दिव्यांग मतदाताओं के मतदान में रीवा संभाग 94.26 प्रतिशत के साथ देश में सबसे आगे रहा। 

इस संबंध में स्पेशल केटेगरी का राष्ट्रीय अवॉर्ड प्रदान करने हेतु वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से डॉ. भार्गव द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रजेंटेशन दिया गया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन सदन नई दिल्ली से किया गया, जिसमें आयोग के केन्द्रीय प्रेक्षक मौजूद थे।
 
उल्लेखनीय है कि लोकसभा निर्वाचन 2019 में नि:शक्ततजनों की निर्वाचन प्रक्रिया में प्रभावी सहभागिता हेतु डॉ. भार्गव को एक्सेसिबिलिटी ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया था। उसी संदर्भ में पूरे देश से एक मात्र एक्सेसिबिलिटी ऑब्जर्वर के रूप में कमिश्नर डॉ. भार्गव को श्रेष्ठ निर्वाचन प्रक्रिया एवं नवाचार के लिए राष्ट्रीय अवार्ड ‘बेस्ट इलेक्टोरल प्रेक्टिसेज’ के लिए चयनित किया गया था।
 
डॉ. भार्गव ने अपना प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि उन्होंने रीवा संभाग में एक्सेसिबिलिटी ऑब्जर्वर की हैसियत से दिव्यांग मतदाताओं तक पहुंच बनाकर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया। इसके परिणाम स्वरूप रीवा संभाग के तीनों संसदीय क्षेत्र में जेन्डर गेप पांच प्रतिशत से घटकर लगभग शून्य हो गया और ओवरऑल टर्नआउट रीवा में 12.17 प्रतिशत, सतना में 12.87 प्रतिशत और सीधी में 21.98 प्रतिशत बढ़ा।
उन्होंने बताया कि नि:शक्तजनों को समानता की गारंटी देने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी पहुंच तथा सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए स्वीप के अंतर्गत प्रभावी रणनीति बनाकर जिले एवं ग्राम स्तर तक संवेदीकरण कार्यशालाएं की। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर चुनावी पाठशालाओं का कम से कम 3 बार प्रभावी संचालन किया। व्यापक पैमाने पर रैलियां, सभाएं, मोटरसाइकिल यात्रा, नुक्कड़ नाटक, नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि प्रेरणास्पद कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इसके अलावा सुलभ आईडी कार्ड वितरण, प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सिटी केबल, समाचार पत्रों, पम्पलेट्स और आकाशवाणी के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। नि:शक्त मतदाताओं को बिना कतार में प्रतीक्षा किए सीधे मतदान की सुविधा प्रदान की गई। व्हील चेयर, तिपहिया साइकल, रैम्प आदि आश्वासित न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। 
 
डॉ. भार्गव ने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं की निजता का सम्मान करते हुए मतदान में आने वाली कठिनाइयों एवं परेशानियों को दूर करने के लिए आयोग के निर्देशानुसार मतदान केन्द्रों पर समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गईं। विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया गया। ईवीएम एवं वीवीपैट मशीनों का मतदान केन्द्रों, हॉट बाजारों में प्रदर्शन, आईटी संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित किया गया। 
 
उन्होंने कहा कि हमारी पूरी टीम द्वारा लक्षित रणनीति के अंतर्गत दिव्यांग मतदाताओं से निरंतर सम्पर्क, जागरूकता सृजन, चुनावी ठशालाएं, एनजीओ, दिव्यांग समन्वयकों आदि का सहयोग लेते हुए 24 घण्टे, सातों दिन, 360 डिग्री लक्षित रणनीति के तहत कार्य किया गया।

डॉ. भार्गव ने कहा कि वाटरफॉल मॉडल के अनुरूप ऊपरी स्तर से निचले मैदानी स्तर तक आयोग के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया गया। इस प्रकार स्वीप प्लान के माध्यम से लोकतंत्र की बगिया में जो बीज बोए गए थे वे न केवल अंकुरित हुए वरन पल्लवित, पुष्पित होकर प्रेरणादायी परिणामों के स्वादिष्ट मीठे फल भी प्राप्त हुए। परिणाम स्वरूप दिव्यांग मतदान का प्रतिशत 94.26 प्रतिशत रहा।
ये भी पढ़ें
प्रज्ञा ठाकुर मामले में स्पाइसजेट का बड़ा बयान, जानिए क्यों लेट हुई उड़ान