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Last Modified: सोमवार, 9 अक्टूबर 2017 (12:15 IST)

अखिलेश ने नोटबंदी, जीएसटी को लेकर मोदी पर साधा निशाना

अखिलेश ने नोटबंदी, जीएसटी को लेकर मोदी पर साधा निशाना - Akhilesh Yadav
मथुरा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी और जीएसटी पर केंद्र की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनसे पड़े असर की वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर किसानों के लिए कर्जमाफी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।
 
वृंदावन में यादव धर्मशाला की नींव रखते हुए यादव ने कहा कि कोई पार्टी नहीं है, जो भाजपा जितना झूठ बोलती हो। यादव ने कहा कि कर्जमाफी योजना से किसानों को लुभाने से लेकर भ्रष्टाचार और आम आदमी की आय बढ़ाने तक भाजपा ने जान-बूझकर इस हद तक लोगों को गुमराह किया कि मेरी पार्टी सत्ता में न आ सकें। 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश में चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों के लिए कर्जमाफी योजना की जानकारियां नहीं दीं और बाद में संशोधन पर संशोधन किए जिससे अधिकांश लोग लाभ से वंचित रहे।
 
यादव ने दावा किया कि विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) ने लोगों को सड़क पर आने के लिए मजबूर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी और जीएसटी से छोटे उद्यमी बुरी तरह प्रभावित हुए जबकि युवा बेरोजगार हो रहे हैं। यादव ने कहा कि यह दुखद है कि प्रधानमंत्री नोटबंदी और जीएसटी से पड़े असर की सच्ची तस्वीर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री के इस बयान को भी नकार दिया कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार खत्म हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने दावा किया कि वर्ष 2022 तक वह सुनिश्चित करेगी कि किसानों की आय दोगुनी हो जाए लेकिन अभी तक इसके विपरीत हुआ है।
 
उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के इस दावे कि उसने आलू की खेती करने वालों के लिए 400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, इस पर यादव ने दावा किया कि कन्नौज, फर्रुखाबाद, आगरा और मथुरा में आलू की खेती करने वाले किसानों को उनकी फसल की लागत कीमत भी नहीं मिल रही है।
 
उन्होंने कहा कि किसानों को किसान दुर्घटना योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने यादवों के लिए आरक्षण की मांग का भी समर्थन किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी के भी दावे को खारिज नहीं करते, हालांकि यादवों को उनकी आबादी के आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी पर तंज कसते हुए कहा कि कर्जमाफी के नाम पर किसानों को सरासर धोखा दिया जा रहा है। 1 लाख रुपए की कर्जमाफी की बात कहकर 1-1, 2-2 पैसे की कर्जमाफी की गई। यह किसानों के साथ खिलवाड़ नहीं तो फिर क्या है। उन्होंने गंगा-यमुना के शुद्धिकरण से जुड़ी भाजपा की योजनाओं पर उंगली उठाते आरोप लगाया कि वर्ष 2018 तक इन नदियों को आचमन योग्य पवित्रता दिलाने का दावा करने वालों ने कहीं भी धेला भर काम नहीं किया। मथुरा-वृंदावन सहित अनेक स्थानों पर तो स्थिति और भी बदतर हो गई है। 
 
मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पर अखिलेश ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तरप्रदेश में जितने लैपटॉप बांटे, उतने देश की किसी भी सरकार ने नहीं बांटे। राज्यों में जब भी डिजिटल इंडिया की बात होगी, उत्तरप्रदेश सबसे आगे खड़ा दिखाई देगा, क्योंकि यहां रिकॉर्ड 18 लाख लैपटॉप हमारे कार्यकाल के दौरान बांटे गए, वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर वाली कंपनी एचपी के। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चुटकी लेते हुए इसे पूरी तरह से फेल बताया।
 
वे बोले कि हमने राज्य को विश्वस्तरीय पुलिस की त्वरित सहायता सेवा यूपी 100 का तोहफा दिया था। इसके काम करने के तरीके की प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी दिख खोलकर की थी लेकिन अब योगी सरकार ने सब मिट्टी कर दिया। किसी भी शहर में यह सेवा सही प्रकार से चलती नजर नहीं आ रही। (भाषा)
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