शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Akhilesh and shivpal meets on Diwali
Written By
Last Modified: इटावा , गुरुवार, 19 अक्टूबर 2017 (17:16 IST)

साथ आए अखिलेश और शिवपाल, क्या बोले मुलायम...

साथ आए अखिलेश और शिवपाल, क्या बोले मुलायम... - Akhilesh and shivpal meets on Diwali
इटावा। समाजवादी पार्टी के दो धड़ों में तल्खी के बीच गुरुवार को दीपावली के मौके पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके सियासी प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल सिंह यादव अर्से बाद एक साथ नजर आए। मुलायम ने फिर दावा किया कि उनके परिवार में कोई कलह नहीं है।
 
दीपावली के मौके पर अपने पैतृक गांव सैफई पहुंचे मुलायम ने अखिलेश, शिवपाल, सांसद धर्मेन्द्र यादव, सांसद तेज प्रताप यादव, तथा अपने भतीजे एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल के साथ करीब दो घंटे तक बातचीत की।
 
हालांकि बुधवार को मुलायम से मुलाकात कर चुके उनके चचेरे भाई एवं सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव आज की बैठक में शामिल नहीं थे।
 
लगभग दो घंटे तक चले वार्तालाप के बाद वे सभी लोग घर के लॉन में पड़ी कु्र्सियों पर बैठ गए। एक अर्से बाद शिवपाल और अखिलेश एक साथ नजर आए। हालांकि इस दौरान उनके बीच कई कुर्सियों का फासला रहा।
 
मुलायम ने कहा कि उनका पूरा परिवार एकजुट है। उनमें कोई कलह नहीं हैं, इसीलिए हम सब यहां गांव में दीवाली मनाने आए हैं।
 
पत्रकारों के सवाल पर शिवपाल सिंह ने भी यही कहा कि उनका परिवार एक है। मगर इतना कहकर वह आगे बढ़ गए।
 
मालूम हो कि पिछले साल सितम्बर में सपा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी पैदा हो गई थी। गत एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अखिलेश की ताजपोशी के बाद से शिवपाल के लिए गर्दिश का दौर शुरू हो गया और उन्हें सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
 
उसके बाद शिवपाल ने मुलायम के नेतृत्व में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन का एलान किया था। गत 25 सितंबर को मुलायम इसकी घोषणा भी करने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनका मन बदल गया।
 
पिछली पांच अक्टूबर को आगरा में हुए सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश के दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर शिवपाल ने उन्हें ट्वीट करके बधाई दी थी। उस वक्त लग रहा था कि रिश्तों में तल्खी कम हो रही है लेकिन उसके बाद घोषित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुलायम और शिवपाल का नाम नहीं होने को लेकर फिर सवाल उठने लगे थे। (भाषा)
ये भी पढ़ें
इस दीपावली भी नहीं बदली सबसे पुराने शेयर बाजार की तकदीर