मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. प्रादेशिक
Written By WD

मोदी को वोट दिया था, अब सजा भुगतो...

मोदी को वोट दिया था, अब सजा भुगतो... -
FILE
लखनऊ। उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार अब मतदाताओं से बदला लेने पर उतारू है। दरअसल, लोकसभा में चुनाव में करारी हार के बाद अखिलेश सरकार ने यूपी में बिजली कटौती शुरू कर दी है। इस कटौती से उन्हीं इलाकों को बख्शा गया है जहां मुलायमसिंह यादव या उनके परिवार का कोई सदस्य सांसद है।

एक जानकारी के मुताबिक मुलायमसिंह के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ और मैनपुरी, बहू डिंपल यादव के क्षेत्र कन्नौज और यादव परिवार के क्षेत्रों में बिजली 24 घंटे रहती हैं। चूंकि इटावा तो मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का गृह क्षेत्र अत: वहां बिजली संकट का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन राज्य के बाकी इलाकों में बिजली बुरी स्थिति है। हालांकि मुलायमसिंह मैनपुरी से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसी अटकलें हैं कि अब मैनपुरी से मुलायम परिवार का ही कोई व्यक्ति चुनाव में उतारा जाएगा।

एक जानकारी के मुताबिक वाराणसी में 14 घंटे, गाजियाबाद में 10 से 12 घंटे, ग्रेटर नोएडा में 8 से 10 घंटे, रामपुर में 10 से 12 घंटे, मेरठ में 8 से 10 घंटे, अलीगढ़ में 10 से 12 घंटे, बागपत में 16 से 18 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है, जबकि यही बिजली चुनाव के दौरान बहुत कम समय के लिए जाती थी या फिर नहीं जाती थी।

भाजपा का शक्ति भवन पर प्रदर्शन : भाजपा ने लोकसभा चुनाव के बाद से राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न भागों में गहराते बिजली संकट के विरोध में गुरुवार को विद्युत निगम के मुख्यालय शक्ति भवन पर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।

राज्य में बिजली उपलब्धता का गिरता स्तर

बिजली प्राप्ति7 मई12 मई16 मई 17 मई
राज्य बिजली घर उत्पादन151.90 मि.यू.143 मि.यू.137 मि.यू.133 मि.यू.
केन्द्रीय बिजली उत्पादन116.77 मि.यू.107 मि.यू.100 मि.यू.99 मि.यू.
बाहर से खरीद21.60 मि.यू.25 मि.यू.22 मि.यू.21 मि.यू.
कुल 290.27 मि.यू.276 मि.यू.259 मि.यू.253 मि.यू.


पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए हजरतगंज और अशोक मार्ग से होते हुए शक्ति भवन पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। बाजपेयी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद से प्रदेश के विभिन्न भागों में बिजली की समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। ऐसी लगता है कि प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी चुनाव में मिली पराजय का जनता से बदला लेने पर उतारू है, लेकिन भाजपा इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।