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Written By ND
Last Updated :इंदौर , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (19:37 IST)

दुर्लभ संगीत सभाओं का होगा रसास्वादन

कुमार गंधर्व पुण्य स्मरण प्रसंग

कुमार गंधर्व पुण्य स्मरण
देवास के गली-चौबारों पर गूँजती ओटले लीपती ग्रामीण गृहलक्ष्मियों की लोक स्वरावली का मनन-चिंतन कर उसे शास्त्रीय स्पर्श देकर कुमारजी ने इस तरह रचा कि संगीत के क्षेत्र में हलचल मच गई। लोक संगीत और भजनों से बेहद लगाव रखने वाले कुमारजी कबीर को गाते तो लगता कबीर ही साकार हो गए हैं।

कर्नाटक में जन्मे और मुंबई में पले-बढ़े कुमारजी ने देवास को अपनी कर्मस्थली के बतौर चुना, जो मालवावासियों के लिए हमेशा गर्व का विषय रहेगा। कुमारजी की 16वीं पुण्यतिथि पर उन्हें सुनने-गुणने का आयोजन किया है सांस्कृतिक सरोकारों को समर्पित मंच 'सूत्रधार' ने अपने दो दिवसीय फिल्मोत्सव में।

कुमारजी जन्मजात गायक थे, लेकिन फिर भी आपने अपनी शुरुआत की प्रो. देवधरजी के सान्निध्य में, जिनका नजरिया अपने ही किस्म का रहा, जहाँ मौसिकी के तमाम धुरंधर जमा होते थे। इस मजमे में संगीत के पारखी गुणी रसिकों में उस दौर के तमाम जानेमाने नाम शामिल थे।

देवधरजी का खुद का अंदाज दायरे तोड़ने का ही रहा, जो हमेशा कुछ नया और लीक से हटकर करने की अभिलाषा वाले क्रिएटिव कुमारजी को अपनी ओर खींच ले गया। कुमारजी ने लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत के बीच जो अदृष्य सूत्र है, उसे अपनी रचनाओं में दिखाने का अनोखा सृजनात्मक साहस किया।

आपके संगीत में प्रार्थना की विकलता के साथ प्रभुकामना की दृढ़ता भी है, तो निर्गुणी उदासीनता और फक्कड़पन भी। इसमें भक्ति का समर्पण और तादात्म्यता, विनयशीलता है, तो शख्सियत की दृढ़ता और आत्मबल भी है। जो रसविभोर भी करता है और बौद्धिक रूप से विचलित भी।

भजन, लोकगीत, भावगीत से कुमारजी का गहरा लगाव था। लोक संगीत तो उनकी कमजोरी थी। कबीर में तो वे डूबकर एकाकार हो जाते थे। मीरा और कबीर के शब्दों और उनमें छिपी ताकत, अर्थों को उनके सुरों में जीवंत होते देखना अद्‍भुत अनुभव रहा।

लोक संगीत में छिपे रागों को पकड़कर जो नायाब काम आपने किया और उसे अपना अहसास देकर जिस तरह अप्रतिम बना दिया वह कहीं और मिलना संभव नहीं।

ऐसे कुमारजी की दुर्लभ संगीत सभाओं की वीडियो फिल्मों को देखना-सुनना और सुश्री कलापिनी की भावभूमि निश्चित ही कुमारजी के चाहने वालों के लिए यादगार साबित होगा। 10 जनवरी को शाम 7 बजे डॉ. ओम नागपाल शोध संस्थान सभागृह पालिका प्लाजा में होगा यह फिल्मोत्सव। (नईदुनिया)