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एम. वैंकेया नायडू : प्रोफाइल

एम. वैंकेया नायडू : प्रोफाइल - Venkaiah Naidu, who is venkaiah naidu,  Venkaiah Naidu hindi profile
देश के 13वें उपराष्ट्रपति चुने गए  मुप्पवरपू वैंकया नायडू देश के शहरी विकास मंत्री रहे हैं। अगर उनकी राजनीतिक सफलताओं को देखें तो कहा जा सकता है कि नायडू बहुत साधारण जीवन से एक लंबा राजनीतिक सफर पूरा कर चुके हैं। आंध्रप्रदेश से नायडू ने छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री बनने का सफर भी तय किया है। उनके बारे में कहा जाता है कि जब भाजपा में एक समय पर अटल-आडवाणी युग था, तब नायडू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में इन दो बड़े नेताओं के पोस्टर चिपकाया करते थे।  
 
उनकी सफलता इतनी बड़ी है कि वे वर्ष 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन तथा संसदीय कार्यमंत्री थे। नायडू का जन्म 1 जुलाई 1943 को नेल्लोर जिले में हुआ था। कुछ समय पहले तक वे दो विभागों का कार्यभार संभाला करते थे। मोदी युग में भारतीय राजनीति में बिना किसी विवाद के वे केंद्रीय मंत्री रहे हैं और उन्होंने राजनीति की पढ़ाई छात्र जीवन से शुरू की थी।
 
निजी और प्रारंभिक जीवन : 1 जुलाई 1949 नेल्लौर में अविभाजित आंध्रप्रदेश में जन्म लेने वाले नायडू की पृष्ठभूमि बहुत अधिक चमकदार नहीं रही, लेकिन उन्होंने अपने श्रम और निरंतर गतिशीलता के बल पर राज्य की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाई। उनकी शिक्षा आंध्र विश्वविद्यालय से पूरी हुई। 
 
वर्ष 1971 में उनका विवाह उषा से हुआ।  उनके दो बच्चे, बेटा हर्षवर्द्धन और बेटी दीपा वेंकट नायडू हैं। वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी की अभूतपूर्व जीत के साथ ही वे केंद्रीय शहरी विकास मंत्री बने। मंत्री पदों से इस्तीफा देने वाले नायडू शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्यमंत्री भी रहे हैं। 
 
चावटपलेम, नेल्लोर जिला, आंध्रप्रदेश, भारत में पैदा होने से लेकर अपना प्रारंभिक जीवन गुजारने वाले नायडू एक तेलुगू भाषी हिन्दू हैं। इससे पहले भी वे अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। वे एक कम्मा परिवार से हैं और हाईस्कूल तक उनकी शिक्षा दीक्षा वीआर हाईस्कूल नेल्लोर और वीआर कॉलेज से राजनीति तथा राजनीतिक अध्ययन में पूरी की।
 
उन्होंने अपनी स्नातक ऑनर्स डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की थी और बाद में उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। कुछ दिनों तक वे आंध्रप्रदेश के छात्र संगठन समिति के संयोजक भी रहे थे।
 
राजनीतिक जीवन : वेंकैया नायडू की पहचान हमेशा एक 'आंदोलनकारी' के रूप में रही है और वे 1972 में 'जय आंध्र आंदोलन' के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए। उन्होंने इस दौरान नेल्लोर के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया। छात्र जीवन में उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लिया। वे आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतर आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के बाद वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे। 
 
2002 से 2004 तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया। वे अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और वर्तमान में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन तथा संसदीय कार्यमंत्री रहे। अपनी क्षमताओं और गुणों के कारण वे 1973-1974 की अवधि में आंध्र विश्वविद्यालय की छात्र यूनियन के प्रमुख रहे।
 
नायडू लोक नायक जयप्रकाश नारायण युवजन चतरा संघर्ष समिति, आंध्रप्रदेश के प्रमुख और आंध्रप्रदेश जनता पार्टी की युवा शाखा, आंध्रप्रदेश को भी संभालते रहे। अपने राज्य में रहते हुए वे राज्य में दो बार विधानसभा के लिए चुने गए और बाद में वे आंध्रप्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता भी रहे। वर्ष 1985 तक वे अपने गृह राज्य में ही सक्रिय रहे। 
 
वर्ष 1993 - सितंबर, 2000 के दौरान के पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, सचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड, सचिव, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति, भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे। 1998 के बाद राज्यसभा के लिए कर्नाटक से तीन बार चुने गए। 1 जुलाई 2002 से 30 सितंबर 2000 नायडू भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री रहे और बाद में 5 अक्टूबर 2004 से 1 जुलाई 2002 भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अप्रैल 2005 के बाद उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी बनाया गया। 26 मई 2014 से शहरी विकास और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्होंने भाजपा के अग्रणी नेताओं में स्थान पाया और वे संसदीय कार्यमंत्री होने के नाते अक्सर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देखे जाते रहे हैं।