ड्यूटी में तैनात वन विभाग में कार्यरत पिता को खोया, मां ने पाला, अब ओलंपिक में खेलेगा यह खिलाड़ी  
					
					
                                          Paris Olympics में सूरज पंवार
                                       
                  
				  				
								 
				  
                  				  बचपन से ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करने वाले पैदल चाल के एथलीट सूरज पंवार मिश्रित स्पर्धा के लिए जोड़ीदार नहीं होने के भी बावजूद अपने पहले ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
				  																	
									  पंवार को बचपन से ही उतार चढ़ाव वाली जिंदगी जीने का अनुभव है। यह 23 वर्षीय एथलीट जब शिशु था तब उनके फॉरेस्ट गार्ड पिता उदय सिंह पंवार पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने की कोशिश करते हुए ड्यूटी के दौरान मारे गए थे। उनकी मां पूनम ने उन्हें अकेले ही पाला, जो देहरादून के पास एक गांव में वन विभाग की नर्सरी में काम करती थीं और अपने बेटे को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती थी।
				  पंवार ने PTI
 (भाषा) से कहा,मैंने इससे पहले कभी मैराथन पैदल चाल मिश्रित रिले में भाग नहीं लिया है और यह पहला अवसर होगा जब इसमें भाग लूंगा। इसलिए मैंने किसी समय को अपना लक्ष्य भी नहीं बनाया है। लेकिन यह अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से जुड़ा है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।				  						
						
																							
									  इस स्पर्धा को पहली बार अप्रैल में तुर्की के अंताल्या में विश्व एथलेटिक्स पैदल चाल टीम चैंपियनशिप में शामिल किया गया था। इसे ओलंपिक में पहली बार शामिल किया गया है।				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  पंवार 20 किलोमीटर पैदल चाल के खिलाड़ी हैं और वह ओलंपिक में प्रियंका गोस्वामी के साथ जोड़ी बनाएंगे। इस नई स्पर्धा में दोनों एथलीट मैराथन की 42.195 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। पहले पुरुष एथलीट 12.195 किमी की दूरी तय करेगा इसके बाद उसकी महिला जोड़ीदार अगले 10 किमी तक जिम्मा संभालेगी। इसके बाद पुरुष एथलीट अगले 10 किमी और फिर महिला एथलीट बाकी बचे 10 किमी की दूरी तय करेगी।
				  																	
									  पंवार ने कहा, मैं 20 किमी से थोड़ा ज़्यादा (दो चरणों में कुल 22.195 किमी) की दूरी तय करूंगा, लेकिन (20 किमी की पैदल चाल से) अंतर यह है कि मैं 12.195 किमी पूरी करने के बाद बीच में ब्रेक लेकर दौड़ूंगा।
				  																	
									  उन्होंने कहा,उस समय, प्रियंका अपनी पहली 10 किमी दौड़ रही होगी। मैं मालिश करने वाले या फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से अपनी रिकवरी कर सकता हूं और अपने अगले 10 किमी के लिए तैयार हो सकता हूं।
				  																	
									  पंवार के लिए उनकी मां शुरू से ही प्रेरणास्रोत रही है जो आज भी उन्हें अपने खेल पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती हैं।उन्होंने कहा,मैं केवल अपने अभ्यास पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मेरी मां ने मुझसे कहा है कि केवल खेल पर ध्यान दो और अन्य चीजों को भूल जाओ। यहां तक कि मेरी उनसे फोन पर कभी कभार ही बात होती है।