रोनाल्ड स्टूअर्ट मेक्ग्रेगॉर
- न्यूज़ीलैंड से रोहित कुमार 'हैप्पी'
मेक्ग्रेगॉर ने पश्चिमी को हिन्दी से परिचित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेक्ग्रेगॉर शीर्षस्थ भाषा विज्ञानी, व्याकरण के विद्वान, अनुवादक और हिन्दी साहित्य के इतिहासकार थे। आप एक सच्चे हिन्दी प्रेमी थे।
न्यूजीलैंड में जन्मे व स्कॉटिश माता-पिता की संतान प्रो. मेक्ग्रेगॉर को बचपन में फ़िजी से प्रकाशित हिन्दी के एक व्याकरण की पुस्तक किसी ने दी थी, जिसके फलस्वरूप उनका हिन्दी की ओर रुझान हो गया।
सर्वप्रथम 1959-60 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिन्दी की पढ़ाई करने वे भारत आए। मेक्ग्रेगॉर ने 1959-60 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिन्दी की शिक्षा ली और 1968 में ब्रजभाषा के कवि इंद्रजीत पर शोध कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
1964 से लेकर 1997 तक वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हिन्दी का अध्यापन करते रहे। वे एक उच्चस्तरीय भाषा विज्ञानी, व्याकरण के विद्वान, अनुवादक और हिन्दी साहित्य के इतिहासकार थे।
1972 में हिन्दी व्याकरण पर 'एन आउटलाइन ऑफ हिन्दी ग्रामर' नाम की महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी। मेक्ग्रेगॉर का 'हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोश' काफी प्रसिद्ध रहा है। हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित व स्थापित करने में आपकी महती भूमिका रही है।
रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाषा को प्रतिष्ठित करने वालों में से एक थे। 1994 से 1997 तक वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भी हिन्दी भाषा के प्रोफेसर रहे। हिन्दी भाषा में अपना योगदान देने के लिए मेक्ग्रेगॉर ने 1972 में हिन्दी व्याकरण पर एक किताब भी लिखी जिसका नाम था ‘एन आउटलाइन ऑफ हिन्दी ग्रामर’ जो व्याकरण की बहुत अच्छी किताबों में से एक रही है।
रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर जिन्हें अधिकतर आरएस मेक्ग्रेगॉर के नाम से जाना जाता है, का 19 अगस्त 2013 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।