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#H1Bvisa बड़ी खबर! नए अप्रवास निर्देशों से खतरे में भारतीयों की नौकरियां...

#H1Bvisa बड़ी खबर! नए अप्रवास निर्देशों से खतरे में भारतीयों की नौकरियां... - New immigration guidelines crack down on jobs
वाशिंगटन। ब्लूमबर्ग एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप सरकार के एक नए स्मरणपत्र से उन कंपनियों को और भी मुश्किल होगी कि जोकि एच-1बी वीजा के जरिए विदेशी तकनीकी कार्मिकों को अमेरिका में बुलाकर काम कराती हैं।
 
अमेरिकी ना‍गरिकता और अप्रवास सेवाएं एजेंसी ने बीते शुक्रवार को एक स्मरणपत्र (मेमोरेंडम) जारी किया है जिसमें कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स के वर्क वीजा करने वाले लोगों से अतिरिक्त जानकारी मांगी है और कहा है कि यह काम बहुत जटिल है और इसके लिए अत्याधुनिक ज्ञान और अनुभव की जरूरत होती है। इस नई नीति को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है, इस कारण से सोमवार से शुरू होने वाली वार्षिक लॉटरी प्रक्रिया के तहत वीजा आवेदन करने के लिए कंपनियों के लिए प्रक्रिया बदल जाएगी।
 
इस नए परिवर्तन से ऑउटसोर्सिंग फर्मों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि इन कंपनियों की सबसे ज्यादा आलोचना की गई है। न्यूयॉर्क शेयर बाजार में सोमवार दोपहर को हुए कारोबार के दौरान कोजीनेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंन्स, इंफोसिस, विप्रो और एक्सेंचर जैसी कंपनियों के शेयर एक फीसदी से अधिक गिर गए थे। इन नए परिवर्तनों से विशेष किस्म के कामों के लिए आवेदन करने पर सीधे-सीधे रोक नहीं लगाई गई है लेकिन जो कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स सरलतम काम कर रहे थे, उनकी जांच परख की प्रक्रिया कड़ी कर दी गई है।
 
एच-1बी प्रोग्राम पर विस्तृत रिसर्च करने वाली हावर्ड यूनिवर्सिटी में एक सहायक प्रोफेसर रॉन हीरा का कहना है कि 'अर्हताओं को कड़ा बनाने के संदर्भ में यह सही दिशा में कदम है।' उनका कहना है कि अब आपको यह बात और अधिक बताने की जरूरत पड़ेगी कि आपको ऐसे लोगों की क्यों आवश्यकता है? 
 
एजेंसी ने सोमवार को एक दूसरा स्मरणपत्र जारी किया जिससे कि एच-1 बी प्रोग्राम में होने वाली कथित 'धोखाधड़ी और दुरुपयोग' रोकने के नए उपाय किए गए हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य आउटसोर्सिंग कंपनियों को निशाना बनाया गया है और कहा गया है कि जिन स्थानों पर एच-1बी कार्मिक ज्यादा काम करते हैं, उन कार्यस्थलों पर कड़ी जांच की जाएगी। साथ ही, जो लोग दूसरी कंपनियों के लिए आईटी काम करते हैं, उनका मौके पर ही मुआइना किया जाए। अमेरिकी न्याय विभाग ने भी वीजा के लिए आवेदन करने वाले नियोक्ताओं को भी चेतावनी दी है कि वे अमेरिकी कार्मिकों के साथ भेदभाव नहीं करें। 
 
विदित हो कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंपनियों से कहा है कि सस्ते श्रम वाले देशों से आउटसोर्सिंग या ‍कम वेतन पर विदेशी कार्मिकों को लाने की बजाय अमेरिकी लोगों को ज्यादा नौकरियां दें। इस कारण एच-1 बी कार्यक्रम में परिवर्तन किए गए हैं। पिछले माह अप्रवास विभाग ने कुछ निश्चित वर्ग के कुशल श्रमिकों के लिए तेजी से वीजा प्रोसेसिंग कार्यक्रम को निलंबित कर दिया है। इन कार्मिकों को अतिरिक्त भुगतान किया जाता है जोकि आलोचकों की राय में एच-1बी प्रोग्राम को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
 
तकनीक और ऑउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा करीब 12 फीसदी एच-1 बी वीजा का सर्वाधिक उपयोग 2015 में श्रम विभाग ने किया था। पिछले वर्ष कंपनियों ने 13 हजार कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स से अधिक की मांग की थी और इनमें से प्रत्येक को करीब 72 हजार डॉलर की औसतन वेतन पर रखने को कहा था। शुक्रवार को अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा निर्धारित प्रवेश स्तर के कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स के लिए एंट्री लेवल निर्धारित किया गया था। अमेरिकी श्रम विभाग का कहना है कि ऐसे कार्मिक प्रोग्राम लिखते हैं और टेस्ट कोड लिखते हैं जिनसे कम्प्यूटर एप्लीकेशंस और सॉफ्टवेयर समुचित रूप से कार्य करते हैं। 
 
इस नए परिवर्तन पर माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, अल्फाबेट, आईबीएम कॉर्प और एक्सेंचर ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।