युवा का जीवन लक्ष्य - भाग 2
गतांक से जारी.... उसे मम्मी-डैडी के अपेक्षानुसार पढ़ाई नहीं करनी है तो नहीं करनी है। युवा ढीठ होती जा रही है। 'देखना यह लड़की भाड़ झोंकेगी, भाड़! पता नहीं किन नक्षत्रों में पैदा हुई है!'युवा की समझ नहीं आता कि 'भाड़' क्या होता है पर वह समझ जाती कि मम्मी कोई गंदी-सी बात उसको लेकर कह रही हैं। माँ-बेटी में खूब तुर्की-बतुर्की होती। अंत में मम्मी उसके बाल छोड़कर अपने बाल नोंचने लगती और युवा गर्दन झटकती, पैर पटकती, धड़धड़ सीढ़ियाँ चढ़ती, अपने कमरे में घुसकर, दरवाजे को पैर से ठोकर मारती धड़ से उसे बंद कर देती। युवा उनकी खूब अवहेलना करती। फिर तो माँ-बेटी में हफ्तों बातचीत नहीं होती। इस तरह की घटनाओं के कारण युवा का धीरे-धीरे मम्मी-डैडी के ऊपर से भरोसा उठता जा रहा है। ऐसे में डैडी हर बार मुँह में चुरुट दबाए भारी क़दमों से सीढ़ियाँ चढ़ते हुए ऊपर आते और खँखार कर गला साफ़ करते हुए कहते, 'देख युवा, तू हर रोज अपनी मम्मी को अपसेट कर देती है, इससे सिर्फ़ उसके काम पर ही असर नहीं पड़ रहा है हमारे संबंधों पर भी असर पड़ रहा है। कितनी रातों हम तेरी चिंता में सो नहीं पाते हैं।' कहते-कहते वे कुछ सोच में पड़ जाते फिर कहते, 'आखिर तुझे पढ़ाई से इतना बैर क्यों है युवा? कुछ भी हो डिग्री तक पढ़ाई तो तुझे करना ही है। सुन हमारे यहाँ एक कहावत है- कायस्थ का बच्चा पढ़ा भला या मरा भला। तू कहे तो तेरे लिए कोई ट्यूटर लगा देते हैं।' पंद्रह वर्ष की युवा ने अभी हाईस्कूल भी नहीं किया और माथुर साहब डिग्री की बात करते।युवा ने अंदर से चीखते हुए कहा, 'आई डोंट वान्ट टु स्टडी। आई वांट चिल्ड्रेन, आई वान्ट माई ओन बेबीज व्हाय डोन्ट यू गेट मी मैरिड। आई वान्ट टु मेक माई ओन फ़ैमिली एन्ड लिव फ़ार-फ़ार अवे फ़ाम याकर ब्लडी डॉमिनेशन।''
व्हाट? पागल हो गई है। कौन करेगा तुझसे शादी? क्या क्वालिफिकेशन है तेरे पास? युवा तेरी उमर पढ़ने-लिखने की है, शादी करने की नही। अभी तुम बच्ची हो, तुम्हें मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए।' डैडी ने खीझकर कहा।उसी समय नीचे से मम्मी ताना मारते हुए चिल्लाईं, 'अरे! अपनी शक्ल भी आईने में देख लिया कर युवा, काली और मोटी लड़की वैसे ही हमारे समाज में उपेक्षित है। अगर पढ़ाई नहीं करेगी तो तुझे अच्छा लड़का, क्या खाक़ मिलेगा? शादी करने चली। सूरत न शकल भाड़ में से निकल।' युवा को इस तरह की कही हुई सारी बातें समझ में तो नहीं आती पर कहे गए वाक्यों के आरोह-अवरोह से वह उनका अर्थ निकाल लेती।
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पढ़ाई, पढ़ाई और पढ़ाई।' युवा और विद्रोही हो उठी। 'पढ़ाई माई फु़ट।' कहते हुए उसने कानों पर वॉक-मैन के प्लग लगा लिए। और सुबकते हुए बीटल्स का गाया हुआ गीत 'आई वाना (वन्ट टु) होल्ड योर हैन्ड' सुनने लगी।माथुर दंपति ने बड़ी कोशिशें की कि युवा किसी तरह पढ़ाई में लग जाए, पर उनके सामने वह किताबों को हाथ तक नहीं लगाती। वैसे युवा बुरी लड़की नहीं है। चाहे उसकी मम्मी-डैडी से तनातनी चल रही हो या अबोला चल रहा हो, पर उनकी अनुपस्थिति में वह घर के सारे काम-धाम कर डालती। मम्मी-डैडी को न कभी खाना बनाना पड़ता, न सफाई करनी पड़ती। मीरा की सहेलियाँ युवा की तारीफ़ करते नहीं थकती इसलिए कि उनकी संतानें घर-गृहस्थी के कामों से जी चुरातीं। माथुर दम्पति युवा के सहज गुणों का आदर न कर हर वक्त उसके 'एकेडेमिक अचीवमेंट' को लेकर परेशान रहते। जमाना ही कॉम्पीटिशन का है वो भी क्या करें? हव्वा की औलाद युवा के अंदर मातृत्व मचलता उसे अपना खुद का बच्चा चाहिए। माथुर दंपति उसके मनोविज्ञान को समझने की कोई कोशिश नहीं करते, यद्यपि युवा की फ़ॉर्म टीचर ने उन्हें संकेत भी दिया था।युवा को घर-गृहस्थी, बच्चे-कच्चे अच्छे लगते। वह अक्सर मम्मी-डैडी की ग़ैरहाजिरी में पास-पड़ोस के नन्हे-मुन्ने बच्चों को घर उठा लाती और घंटों उनसे खेलती रहती। सुमी के बच्चे जय की बेबी-सिटिंग तो उसने न जाने कितनी बार बिना पैसों के की है। वह जब जय को नहलाती-धुलाती, उसकी नैपी बदलती तो उसका मन करता कि वह भी एक बच्चा पैदा करे।बच्चे की सोच कर ही उसके बदन में फुरहरी उठने लगती।युवा अपने मन में उठती इन भावनाओं को किसी से कह भी तो नहीं सकती है। खासकर मम्मी से कहना तो भिड़ के छत्ते में हाथ डालने जैसा होता। वह तो वैसे भी उसे हर वक्त़ खाने को तैयार बैठी रहती हैं। गदबदी साँवली किशोरी युवा के सामने मुसीबत ही मुसीबत है। धीरे-धीरे वह मम्मी-डैडी की अवमानना करने लगी है। सही बात तो यह है कि अब उसे मम्मी-डैडी की अवमानना करने में एक तरह का सुख-सा मिलने लगा है।अप्रैल का महीना और ईस्टर की छुट्टियाँ। फोरसाइथिया और कमीलिया की झाड़ियाँ फूलों से लदी हुई थीं। युवा गद्दीदार झूले पर बैठी दानें चुगती लंबी पूँछों वाले 'ब्लैक-बर्ड' के जोड़े को निहार रही थी। दोनो चोंचें लड़ाते हुए साथ-साथ फुदकते एक-दूसरे पर चढ़-उतर रहे थे। युवा का किशोर मन चुलबुलाने लगा। दोनों पैरों के बीच गुदगुदी के साथ हॉल्टर नेक के अंदर बँधे यौवन ने कुछ और तक़ाजा किया। उसने हाल्टर नेक के फंदे को ढीला कर अपने यौवन को झाँका...फेन्स के उस पार लेबर पार्टी काउंसिलर मिस्टर मैकेंजी का किशोर बेटा इयन लॉन मोअर से अपने लॉन की घास काट रहा था। (क्रमश:)