गुरुवार, 21 नवंबर 2024
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Written By WD

जेपीसी का गठन 'इंस्टैंट काफी' बनाना नहीं

जेपीसी का गठन ''इंस्टैंट काफी'' बनाना नहीं -
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आईपीएल की जाँच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराए जाने की माँग पर सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया है। उसका कहना है संबंधित एजेंसियाँ मामले की जाँच कर रही हैं, इसलिए उनके नतीजे सामने से पहले कुछ नहीं किया जा सकता।

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज सहित वामपंथी दलों के सदस्यों ने प्रश्नकाल स्थगित कर आईपीएल विवाद पर चर्चा कराने और इसकी जाँच के लिए जेपीसी गठित करने की माँग की।

विपक्षी सदस्य जेपीसी गठित करने के बारे में सरकार से तुरंत निर्णय की माँग कर रहे थे, जिस पर सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जेपीसी गठित करने जैसे फैसले ‘इंस्टेंट कॉफी स्टाइल’ में नहीं किए जाते हैं।

उन्होंने कहा ऐसे फैसले उचित प्रक्रिया अपनाने और विचार-विमर्श के बाद किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सदस्यों की भावना से वे प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को आवगत करा देंगे और इस बारे में जब भी कोई निर्णय किया जाएगा तो वे सदन को सूचित करेंगे।

प्रणब ने कहा आप लोग मुझ पर चिल्ला रहे हैं और तुरंत फैसले की माँग कर रहे हैं, लेकिन आप भी जानते हैं कि ऐसे निर्णय एक प्रक्रिया के तहत किए जाते हैं।

उन्होंने कहा मैं पहले की संबंधित विभागों और एजेंसियों को निर्देश दे चुका हूँ कि वे मामले की छानबीन करें और उचित प्रक्रिया के बाद इस बारे में फैसला कर लिया जाएगा, यह संसदीय मामला है, थोड़ा सब्र करें।

इससे पहले सुषमा ने कहा आईपीएल मामला दिनोंदिन गंभीर होता जा रहा है। इसमें अब सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों का नाम सामने आ रहा है। उन पर पद का दुरुपयोग करने और मामले से ध्यान हटाने के आरोप लग रहे हैं।

उन्होंने शशि थरूर का नाम लिए बिना कहा कि जिस मंत्री ने इस विवाद में इस्तीफा दिया, उसने भी पूरे मामले की जाँच कराने की माँग की थी, लेकिन हमें लगता है कि सरकार इस मामले से सत्य उजागर नहीं करना चाहती है क्योंकि उनका गठबंधन टूटने की कगार पर है। उनका इशारा राकांपा नेताओं की ओर था। विपक्ष की नेता ने कहा यह ऐसा मामला है, जिसमें रोज नए कंकाल निकल रहे हैं। संसद की संयुक्त समिति इस पूरे मामले की जाँच करे।

जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने आईपीएल को 'लुटेरों के अड्डे' की संज्ञा दी। उन्होंने कहा आईपीएल कमिश्नर ने खुली लूट मचा रखी है। खेलमंत्री एमएस गिल और वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी पर निशाना साधते हुए शरद ने कहा कि गिल साहब आप इस मामले में बोलते रहे हैं, यह अच्छी बात है। लेकिन आपको बोलने के लिए नहीं बैठाया गया है। आपको और वित्तमंत्री दोनों को इस पर कार्रवाई करना चाहिए।

जद(यू) नेता शरद यादव ने कहा दो मंत्रियों के नाम सामने आए हैं। जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं, उन्हें बाहर निकाला जाए। आईपीएल का कमिशनर हूंकार भर रहा है, भ्रष्टाचार करने वाले चुनौती दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मॉरिशस और अन्य देशों से पैसा आईपीएल में लगा है। जेपीसी का गठन किया जाए और सदन के लोगों को जवाबदेह बनाया जाए।

आईपीएल को स्वतंत्र भारत का बहुत ही बड़ा घोटाला करार देते हुए भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि आयकर विभाग ने संसद की एक स्थायी समिति के समक्ष अपने प्रतिवेदन में कहा कि आईपीएल का 21 महीने तक मूल्यांकन (असेसमेंट) नहीं किया गया, जबकि नियम के तहत किसी भी व्यक्ति या संगठन का प्रत्येक वर्ष मूल्यांकन किया जाता है। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से कानून का घोर उल्लंघन हो रहा था और यह कानून अनुपालन एजेंसियों की घोर लापरवाही का मामला है।

कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि मनमोहनसिंह जब वित्तमंत्री थे, उस समय हर्षद मेहता घोटाले की जाँच के लिए जेपीसी का गठन किया गया था और जब वे प्रधानमंत्री हैं तो उसी स्तर के घोटाले के लिए जेपीसी का गठन क्यों नहीं हो रहा है।

आईपीएल को देश का सबसे बड़ा जुएबाजी का अड्डा बताते हुए माकपा के बासुदेव आचार्य ने कहा यह क्रिकेट नहीं है, बल्कि सत्ता और पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रुपया कमाने का उपक्रम है।

उन्होंने कहा हम इस मामले की व्यापक जाँच और सत्य उजागर करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जाँच कराने की माँग कर रहे हैं, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

मुखर्जी के आश्वासन के बावजूद विपक्ष ने इस मामले में जेपीसी का तुरंत गठन किए जाने की माँग पर हंगामा जारी रखा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करना पड़ी।

उल्लेखनीय है आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ बेनामी संपत्ति, मैच फिक्सिंग, विदेशों से लेनदेन, काला धन, अवैध निवेश, धोखाधड़ी, सट्टेबाजी और हवाला से लेनदेन जैसे आरोप हैं। आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स) इसकी जाँच कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल और कृषिमंत्री शरद पवार पर भी घोटाले में लिप्त होने के आरोप हैं। (वेबदुनिया न्यूज)