सूर्यग्रहण के चलते थम गई कुंभ की हलचल
पूरे विश्व को ऊर्जा देने वाले सूर्य पर जैसे ही ग्रहण लगा, गंगा के किनारे आयोजित कुंभ में लाखों लोगों के पैरों की हलचल थम गई। मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए और लोग आस्था के सैलाब में इस अशुभ घड़ी के बीत जाने का इंतजार करने लगे।हर की पौढ़ी स्थित गंगा नदी के घाट पर कल जहाँ लाखों लोगों ने श्रद्धा की डुबकी लगाई, वहीं इस अवसर पर श्रद्धालु घाटों के किनारे हवन करने और ध्यान में लगे रहे।कल तक जहाँ घाट मंदिरों के घंटों और वैदिक मंत्रोच्चारों से गुंजायमान थे, आज ग्रहण के साथ गंगा की कलकल सुनाई दे रही थी। वहाँ न तो कोई मंत्रोच्चार की ध्वनि थी और न ही घंटियों की खनखनाहट, अगर कुछ सुनाई दे रहा था तो वह था गंगाजल और पत्थरों के टकराने की आवाजें।आचार्य गणाधीश के मुताबिक सूर्यग्रहण सुबह 11 बजकर 58 मिनट से शुरू हुआ और अपराह्न तीन बजकर 12 मिनट पर खत्म हो गया। इस दौरान प्रशासन वहाँ मौजूद श्रद्धालुओं को मिनट-मिनट की जानकारी दे रहा था।आचार्य ने बताया कि इस दौरान सभी मंदिरों के कपाटों को बंद कर दिया गया और देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी ढक दिया गया। उन्होंने बताया कि ग्रहण खत्म होने के बाद इन मूर्तियों को गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया गया।उन्होंने कहा कि ग्रहण बहुत नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके विनाशकारी प्रभाव को खत्म करने के लिए लोगों को गंगा जल से स्नान करना चाहिए। दिल्ली में सूर्यग्रहण प्रात: 11 बजकर 53 मिनट पर शुरू हुआ। यहाँ अंतरिक्षप्रेमियों ने नेहरू प्लेनेटोरियम से सूर्यग्रहण देखा, जहाँ इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। इस खगोलीय घटना की झलक देखने के लिए एकत्र लोगों को नेहरू प्लेनेटोरियम में प्रोजेक्टर्स, दूरबीन और विशेष प्रकार के धूप के चश्मे मुहैया कराए गए। लोगों में जबरदस्त उत्साह था।सूर्यग्रहण देखने के लिए प्लेनेटोरियम आई ममता ने बताया-मैंने पहली बार ऐसी घटना देखी। एक छात्र श्रेयांस गुप्ता ने कहा नजारा रोमांचित करने वाला था। ग्रहण की झलक देख कर उत्साहित 58 वर्षीय निशा ने कहा 1980 में मैंने पहली बार सूर्यग्रहण देखा था। तब रिंग अलग तरह का था। शौकिया खगोलविद मुशीर (14) ने पूरे घटनाक्रम को अद्भुत करार देते हुए कहा संभवत: पहली बार और शायद आखिरी बार मैंने ऐसा सूर्यग्रहण देखा। एक गैरसरकारी संगठन साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) के संस्थापक सचिन बाहम्बा ने बताया हम सूर्यग्रहण को लेकर व्याप्त भ्रांतियाँ दूर करने की खातिर लोगों को भोजन करने और पानी पीने के लिए उत्साहित कर रहे हैं। इस बीच वरकला से मिली एक खबर में बताया गया है कि खगोलविदों के एक दल ने सहस्राब्दी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण की तस्वीरें लीं। ये तस्वीरें केरल के तटीय शहर वरकला से तीन दूरबीनों के जरिए ली गईं। जैसे ही चंद्रमा की छाया ने सूर्य को ढकना शुरू किया, खगोलविदों ने इस प्रक्रिया को तस्वीरों में कैद करने की कोशिश की।स्पेस की वैज्ञानिक अधिकारी मीला मित्रा ने बताया कि ग्रहण का वरकला से अध्ययन किया गया। ग्रहण को यहाँ ‘बेली’ज बीड्स’ कहा जाता है। उन्होंने बताया कि ग्रहण के दौरान ‘हाई फोकल लेंथ’ वाली एक दूरबीन से तस्वीरें ली गईं। वरकला से ‘बेली’ज बीड्स का सबसे अच्छा नजारा देखने को मिला। (भाषा)