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Written By WD

तेल कंपनियों की हड़ताल खत्म

शनिवार, रविवार को भी काम करेंगे कर्मचारी

तेल कंपनियों की हड़ताल खत्म -
सरकारी तेल कंपनियों ने देशभर में पेट्रोलियम ईंधन का संकट पैदा कर रही अपनी तीन दिन पुरानी हड़ताल शुक्रवार शाम वापस ले ली।

ईंधन आपूर्ति की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्र ने हड़ताल करने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की धमकी दी थी। तत्काल वेतनवृद्धि की अधिकारियों की माँग को अस्वीकार करते हुए सरकार ने ईंधन की आपूर्ति बनाए रखने के लिए सेना और केंद्रीय बलों की मदद लेने का निर्णय कर लिया था।

Girish SrivastavaND
सरकार के सख्त रुख के बाद शाम को विभिन्न तेल और गैस कंपनियों के अधिकारियों के संघों ने एक-एक करके हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी।

हड़ताल के तीसरे दिन देशभर में बहुत से पेट्रोल पंपों पर ईंधन चुक गया और स्थिति संकटपूर्ण होने लगी थी। गैस आधारित उद्योगों के लिए उत्पादन जारी रखने में भी समस्या शुरू हो गई थी।

सत्तर अधिकारी बर्खास्त : पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने हड़ताल खत्म होने पर राहत की साँस ली है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की माँग पर इस बारे में गठित मंत्रियों के समूह द्वारा विचार किया जाएगा। उन्होंने इस बारे में कोई आश्वासन देने से यह कहते हुए मना किया कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।

पिछले दो दिन में ओएनजीसी और आईओसी कंपनी के करीब 70 हड़ताली अधिकारी बर्खास्त किए जा चुके हैं। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि यह हड़ताल खत्म हो गई है और अब इससे दूसरों को सबक मिलेगा कि इस तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए।

आईओसी और बीपीसीएल की ओर से हड़ताल खत्म करने के फैसले की जानकारी पेट्रोलियम सचिव आरएस पांडेय ने पत्रकारों को दी। भारत पेट्रोलियम के विपणन निदेशक राधाकृष्णन ने कहा कि हड़ताल खत्म होने के साथ ही कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के काम पर लौटने से तेल आपूर्ति जल्द सामान्य हो जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि पिछले ढाई दिन से तेल आपूर्ति बाधित रहने से इसके सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन कंपनी अधिकारी इस काम को जल्द पूरा करने के लिए शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश के दिन भी काम करेंगे ताकि सोमवार तक स्थिति सामान्य हो जाए।

वेतनमानों में बढ़ोतरी की माँग को लेकर तेल कंपनियों के अधिकारियों ने हड़ताल का आह्वान किया था। हालात बिगड़ते देख सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा बंद पड़ी रिफाइनरियों को चालू कराने में सेना की मदद लेने का फैसला कर लिया था।