आरूषि हत्याकांड : तलवार दंपति की अर्जी खारिज
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के बहुचर्चित आरुषि हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में 14 गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किए जाने संबंधी डॉ. राजेश एवं डॉ नूपुर तलवार की दूसरी बार दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बी एस चौहान एवं न्यायामूर्ति दीपक मिश्रा की अवकाशकालीन खंडपीठ ने गवाहो के बयान दर्ज कराने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ तलवार दंपती की याचिका निरस्त करते हुए एक बार फिर कहा कि याचिकाकर्ताओं को निचली अदालत के आदेश का पालन करना होगा। उच्चतम न्यायालय में एक ही महीने में दायर तलवार दम्पती की यह दूसरी याचिका थी। इससे पहले न्यायालय ने तलवार दंपती की पहली याचिका 13 मई को यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाएं।न्यायालय ने उच्च न्यायालय गए बिना सीधे उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए तलवार दंपती को आड़े हाथों भी लिया था। इसके बाद दम्पती ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था. जिसने निचली अदालत के फैसले को जायज ठहराते हुए याचिका निरस्त कर दी थी। उसके बाद ये लोग शीर्ष अदालत के समक्ष फरियाद लेकर पहुंचे थे। तलवार दम्पती ने विशेष अदालत मे याचिका दायर करके अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/कानून व्यवस्था/ तथा सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक अरुण कुमार सहित 14 गवाहो को बयान दर्ज कराने के लिए तलब करने की मांग की थी. लेकिन गत छह मई को निचली अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद तलवार दंपती सीधे उच्चतम न्यायालय पहुंच गए थे। उल्लेखनीय है कि नोएडा के जलवायु विहार स्थित घर मे 15 और 16 मई 2008 की रात तलवार दम्पती की इकलौती बेटी आरुषि तलवार की तेज धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. जबकि घर के नौकर हेमराज की लाश अगले दिन छत से मिली थी। सीबीआई का दावा है कि दोनों की हत्या तलवार दंपती ने ही की है। इस सिलसिले मे अभियोजन पक्ष के अंतिम गवाह सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौन ने अपना बयान दर्ज करा दिया है। जिन्होंने विशेष अदालत को कहा है कि तलवार दम्पती के घर मे बाहर से किसी के आने के कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए हत्या तलवार दंपती ने ही की है। डॉ. राजेश और डॉ. नूपुर फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है। (वार्ता)