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Written By भाषा

मनमोहन के लौटने तक चिदंबरम रहेंगे चुप

Chidambaram, 2G spectrum allocation scandal | मनमोहन के लौटने तक चिदंबरम रहेंगे चुप
2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में जनता पार्टी नेता सुब्रहमण्यम स्वामी के उच्चतम न्यायालय में दिए गए दस्तावेज से उपजे विवाद के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भारत लौटने तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।

चिदंबरम ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा जैसी कि मीडिया में खबर आई है, प्रधानमंत्री ने फ्रैंकफर्ट से मुझसे बात की। वित्त मंत्री (प्रणव मुखर्जी) ने भी वॉशिंगटन से मुझे फोन किया है। उन्होंने कहा मैंने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि जब तक वह भारत नहीं लौट आते, मैं इस विषय पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दूंगा।

उल्लेखनीय है कि स्वामी ने शीर्ष अदालत में वित्त मंत्रालय का एक दस्तावेज सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि अगर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जोर दिया होता तो दूरसंचार मंत्रालय 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिये नीलामी प्रक्रिया को अपना लेता।

चिदंबरम के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा ने कहा है कि पहले दिन से यह स्पष्ट है कि चिदंबरम ही 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन के ए राजा के नुस्खे पर सहमत हुए। धानमंत्री मनमोहन सिंह इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका गए हुए हैं।

चिदंबरम के समर्थन में कांग्रेस और सरकार : विवादास्पद 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में भूमिका को लेकर विपक्ष की ओर से इस्तीफे की मांग के बीच सरकार और कांग्रेस आज गृह मंत्री पी. चिदंबरम के समर्थन में आ गई। उन्होंने जोर दिया कि चिदंबरम की ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी विदेश यात्रा पर हैं और ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने उनकी सत्यनिष्ठा पर पूर्ण विश्वास जताया। जनता पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा उच्चतम न्यायालय में वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए पत्र के जमा करने से पैदा हुए तूफान के बाद चिदंबरम के प्रति यह समर्थन जताया गया है।


सरकार में कोई मतभेद नहीं : केन्द्रीय मंत्री अंबिका सोनी ने वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए ‘गोपनीय’ पत्र को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद सरकार के अंदर मतभेद होने के आरोपों को आज खारिज कर दिया।

समझा जाता है कि इस पत्र में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2 जी पर उनके रूख पर सवाल उठाए गए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा सरकार के अंदर कोई मतभेद नहीं है। 2जी घोटाले के बारे में जो कुछ भी कहा गया है उसमें बहुत कम सचाई है।

उन्होंने कहा कुछ भी विवादास्पद, नया नहीं है और न ही इस पत्र में ऐसी किसी बात का खुलासा किया गया है जो किसी को उकसा सके। अंबिका ने इस मामले के ब्योरे में जाने से इनकार कर दिया क्योंकि यह एक ऐसे विषय से संबद्ध है जिसकी सुनवाई उच्चतम न्यायालय कर रहा है।

भाजपा ने साधा निशाना : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के नए खुलासों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने आज गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे मांग की। साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह केवल मौन रहने की साजिश और गठबंधन की राजनीतिक मजबूरी के दोषी हैं या उन्हें इस सबकी पूरी जानकारी थी।

जेटली ने कहा 2जी मामले में जब भाजपा इन तथ्यों (जिनका खुलासा मुखर्जी ने किया) को रखती थी तब उसे राजनीति से प्रेरित बताया जाता था। जब न्यापालिका इस विषय पर कुछ कहती थी तब कांग्रेस उस पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने की बात कहती थी। लेकिन अब जब इस सरकार के सबसे बुद्धिमान और सयाने मंत्री प्रणव मुखर्जी यह बात कह रहे हैं तो सरकार के पास इसका क्या उत्तर है।

जेटली ने कहा कि सबसे प्रमुख प्रश्न तो प्रधानमंत्री से पूछना जरूरी है..कि इन सब में आप कहीं थे या नहीं... अथवा इसकी भी आपको जानकारी नहीं थी जबकि इस विषय से जुड़े 21 पत्रों की सूची है।

उन्होंने सवाल किया क्या आप केवल चुप रहने की साजिश करने या गठबंधन की राजनीतिक मजबूरी के दोषी हैं अथवा आपको इसकी पूरी जानकारी थी क्योंकि यह किसी अर्थशास्त्री के लिए सरल अर्थशास्त्र का प्रश्न है कि 2008 में कोई वस्तु 2001 की कीमत पर नहीं बेची जा सकती है।

जयललिता ने भी मांगा इस्तीफा : चेन्नई में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने मांग की कि 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे पर वित्त मंत्रालय के नोट के मद्देनजर गृह मंत्री पी चिदंबरम को इस्तीफा दे देना चाहिए अथवा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उन्हें कैबिनेट से हटा देना चाहिए।

जयललिता ने कहा यह बेहद स्पष्ट है कि चिदंबरम 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से गहराई से जुड़े हुए हैं। कैग की रिपोर्ट के अनुसार इस घोटाले के कारण भारतीय कोष को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई को चिदंबरम के खिलाफ उसी तरह कार्रवाई करनी चाहिए जैसे कि ए राजा के विरूद्ध की गयी।

बहरहाल, अन्नाद्रमुक प्रमुख ने द्रमुक के इस दावे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि इस नोट से पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कानिमोझी को मदद मिल सकती है जो फिलहाल जेल में बंद हैं। (भाषा)