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Written By भाषा

बारिश का कहर, 131 मरे, 70000 फंसे...

बारिश का कहर, 131 मरे, 70000 फंसे... -
देहरादून/शिमला। हिंदुओं के लिए बैकुंठ धाम का मार्ग समझे जाने वाले केदारनाथ मंदिर में मंगलवार को बारिश का पानी और कीचड़ भर गया, जहां अचानक आई अभूतपूर्व बाढ़ में 50 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आसमान से बरसी कयामत में 130 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और दोनों राज्यों के तीर्थ स्थानों में 70 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री फंसे हुए हैं
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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित चार धाम में से एक केदारनाथ मंदिर पर बारिश का कहर सबसे ज्यादा टूटा। इलाके में बहुत से तीर्थयात्रियों सहित करीब 500 लोग लापता बताए जाते हैं।

उखीमठ के अनुमंडलीय मजिस्ट्रेट राकेश तिवारी ने केदारनाथ से लौटने के बाद बताया कि मंदिर से सटे इलाकों में करीब 50 लोगों के शव पड़े हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन फिलहाल उन लोगों पर ध्यान दे रहा है, जो जिंदा हैं और मुसीबत में हैं।

उन्होंने कहा कि पानी उतरने के बाद जब राहत दल प्रभावित इलाकों में पहुंचेंगे तो मरने वालों की तादाद में भारी इजाफा हो सकता है। केदारनाथ मंदिर परिसर का एक हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मंदिर के ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

मंदिर के नजदीक स्थित रामबाड़ा इलाका, जहां हमेशा चहल-पहल रहा करती थी, इस समय पूरी तरह पानी में डूबा हुआ है और राहत हेलीकॉप्टरों को यहां पानी के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

सेना की केन्द्रीय कमान के अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ में 6000 से 8000, हेमकुंड साहिब में 2500 और बद्रीनाथ में करीब 8000 लोग फंसे हुए हैं। बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने उत्तरी भारत में अब तक 131 जान ले ली हैं।

उत्तरप्रदेश में हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जहां नदियां उफान पर हैं। उत्तराखंड में मरने वालों की संख्या 102 पर पहुंच चुकी है। दैव्य आपदा का दंश सबसे ज्यादा झेलने वाले रुद्रप्रयाग जिले में 20 लोगों की मौत हुई और 40 होटल सहित 73 इमारतें अलकनंदा नदी की उफनती धारा में बह गईं।

केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करके अपना परलोक सुधारने निकले कुल 71440 लोग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, और उत्तरकाशी जिलों में फंसे हुए हैं। भारी भूस्खलन और सड़कें टूटने के कारण प्रसिद्ध चार धाम यात्रा रोक दी गई है।

आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि इनमें 27040 लोग चमोली में फंसे हैं, जबकि रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में क्रमश: 25000 और 9850 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। इस बीच बारिश में आज थोड़ी कमी आने पर प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव उपाय बढ़ा दिए गए हैं।

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में राहत अभियानों में एक दर्जन से अधिक हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि तीर्थस्थलों में फंसे तमाम लोगों को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

केन्द्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सुदूर इलाकों में खाना, दवाएं और कंबल गिराए जा रहे हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी दोनो राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है।

सिंह ने नई दिल्ली में कहा, हमने उत्तराखंड को सात हेलीकॉप्टर दिए हैं। राज्य सरकार ने भी चार निजी हेलीकॉप्टर लिए हैं। हम हिमाचल प्रदेश को भी हेलीकॉप्टर दे रहे हैं। उम्मीद है कि सभी फंसे हुए लोगों को आज सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह, जो भूस्खलन के कारण करीब 60 घंटे से किन्नौर जिले में फंसे हुए थे, को आज सुबह उनकी कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए गए हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

इस बीच दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है। पूर्वी दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले करीब 1500 लोगों को बाढ़ के खतरे वाले स्थानों से हटाकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

यमुना का पानी आज सवेरे सात बजे 204.83 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया और शाम सात बजे तक 205.58 मीटर पर पहुंच गया। बाढ़ और सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तरप्रदेश के बहुत से इलाकों में भारी बारिश और कई बैराज से कल से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य में चेतावनी जारी कर दी गई है।

इस बीच राज्य में बारिश से जुड़े हादसों में तीन किशोरों सहित चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। तीन किशोरों की मौत महाराजगंज में बिजली गिरने से हुई। एक महिला मुजफ्फरनगर में एक मकान गिरने से मारी गई। घटना में छह अन्य लोग घायल हुए।

आंध्रप्रदेश के तीर्थयात्रियों के लिए हेल्पलाइन : आंध्रप्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण वहां फंसे हुए प्रदेश के तीर्थयात्रियों के बारे में जानकारी देने के लिए आज एक हेल्पलाइन शुरू की।

प्रदेश आपदा प्रबंधन आयुक्त टी राधा ने कहा कि तीर्थयात्रियों के रिश्तेदारों के फोन कॉल सुनने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसका नंबर 040-23451043 है। विज्ञप्ति के अनुसार उत्तराखंड में फंसे हुए यात्रियों का ब्योरा संबंधित कलेक्टरों या मंडल राजस्व अधिकारियों को भेजा जा सकता है। (भाषा)