दिल्ली में क्या लगेगा राष्ट्रपति शासन?, भाजपा ने की केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले अचानक से राष्ट्रपति शासन को लेकर सियासी गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। दिल्ली भाजपा के 8 विधायकों की ओर से दिल्ली में संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल की सरकार को बर्खास्त करने को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को एक पत्र लिखा गया है। वहीं भाजपा विधायकों के इस पत्र को राष्ट्रपति ने उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय भेज दिया है। ऐसे में अब यह सवाल उठाने लगा है कि क्या दिल्ली की केजरीवाल सरकार बर्खास्त होने वाली है? क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है?
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की क्यों मांग?- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में 5 महीनों से तिहाड़ जेल में है, इसकी को आधार बनाते हुए भाजपा ने दिल्ली में संवैधानिक संकट का हवाला दिया है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली में सरकारी कामकाज ठप है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के चलते सरकार जरूरी फैसले नहीं ले पा रही है।
वहीं दिल्ली में छठे वित्त आयोग का गठन भी नहीं हो सकता है, जिससे एमसीडी के साथ आर्थिक संकट आ गया है और यह संविधान के अनुच्छेद 243-1 और 243-a का उल्लंघन है। इसके साथ ही भाजपा का आरोप है कि दिल्ली सरकार केंद्र की योजनाओं को जानबूझक रोक रही है और केंद्र की योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में भाजपा विधायकों ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। वहीं राष्ट्रपति की ओर से पत्र को गृहमंत्रालय भेजने के बाद अब राष्ट्रपति शासन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। गृह मंत्रालय दिल्ली के उपराज्यपाल से पूरी रिपोर्ट मांग सकता है और उस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जा सकती है।
भाजपा पर हमलावर AAP- दिल्ली में भाजपा विधायकों की ओर से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर तगड़ा पलटवार किया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा दिल्ली की चुनी हुई सरकार को चोर दरवाजे से बर्खास्त करना चाहती है। भाजपा का एकमात्र काम चुनी हुई विपक्ष की सरकारों को गिराना है। भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों को नहीं खरीद पाई, इसलिए अब वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र कर रही है। अगर भाजपा षड्यंत्र रचकर अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराती है, तो आने वाले चुनावों में दिल्ली की जनता भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देगी।
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की हार तय है। ये भाजपा को यह तय करना है कि उसे दिल्ली में आज हारना है या फिर चार महीने बाद हारना है। भाजपा चाहती है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो, तो इसका मतलब है कि उसकी चार महीने पहले हारने की मंशा है। अगर भाजपा वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में अभी हारना चाहते हैं तो अभी चुनाव की घोषणा कर दें, आम आदमी पार्टी पीछे नहीं हट रही है।
भाजपा की ओर से दिल्ली सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर संजय सिंह ने कहा कि मैं भाजपा से साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि दिल्ली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तय करना है कि उनको चार महीने बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव हारना है या चार महीने पहले हारना है> भाजपा कल चुनाव की तारीखों का एलान कर दे. हम पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को लग रहा है कि उसको हारने में कई महीने इंतजार करना है, उसे जल्दी हारना है तो जल्द चुनाव की घोषणा कर दे।
वहीं राजनीति के जानकार बताते है कि अगर दिल्ली में केजरीवाल सरकार बर्खास्त की जाती है तो इसका फायदा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिल सकता है। आम आदमी पार्टी चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने और सरकार की बर्खास्तगी को लेकर सहानुभूति लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते है।