केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए क्या हैं छुट्टी के नियम? सरकार ने जारी किया FAQ
नई दिल्ली। केंद्र ने विभिन्न श्रेणी के अपने कर्मचारियों के लिए छुट्टी नियमों और पात्रता पर कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) बृहस्पतिवार को जारी किए।
एफएक्यू में अवकाश की सामान्य पात्रता, अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के साथ अवकाश नकदीकरण, अर्जित अवकाश का नकदीकरण, निलंबन/बर्खास्तगी/हटाने पर अवकाश नकदीकरण, अवकाश नकदीकरण पर ब्याज, अध्ययन अवकाश, बच्चे को गोद लेने के लिए पितृत्व अवकाश और बच्चे की देखभाल से संबंधित अवकाश से जुड़े सवाल शामिल हैं।
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इसमें केंद्रीय लोक सेवा या सीसीएस (अवकाश) नियम, 1972 के हवाले से कहा गया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को लगातार 5 साल की अवधि के लिए किसी भी प्रकार का अवकाश नहीं दिया जाएगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले एक सवाल के जवाब में कहा गया कि आमतौर पर, विदेश सेवा के अलावा 5 साल से अधिक की निरंतर अवधि के लिए अवकाश के साथ या बिना अवकाश के ड्यूटी से अनुपस्थिति का अर्थ है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है।
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इसमें कहा गया कि अवकाश नकदीकरण की स्वीकृति, चलन के रूप में, एलटीसी की स्वीकृति के समय अग्रिम रूप से दी जानी चाहिए।
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केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि एलटीसी पर अवकाश नकदीकरण की कार्योत्तर मंजूरी को एलटीसी के दावों को जमा करने के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर उचित मामलों में अपवाद के रूप में माना जा सकता है।
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मंत्रालय ने कहा कि सीएचएस (केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा) अधिकारियों को छोड़कर अध्ययन अवकाश की अधिकतम अवधि संपूर्ण सेवाकाल की अवधि में 24 महीने तक सीमित है और सामान्य तौर पर एक बार में 12 महीने तक की मंजूरी दी जा सकती है।
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इसमें कहा गया कि सीएचएस अधिकारियों के लिये स्नातकोत्तर योग्यता के वास्ते अधिकतम सीमा 36 महीनों की है।
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शिशु देखभाल अवकाश से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि नाबालिग बच्चों की देखभाल करने के लिए एक महिला कर्मचारी को शिशु देखभाल अवकाश दिया जाता है। यदि बच्चा विदेश में पढ़ रहा है या सरकारी कर्मचारी को बच्चे की देखभाल के लिए विदेश जाना पड़ता है तो वह इस उद्देश्य के लिए निर्धारित अन्य शर्तों के अधीन ऐसा कर सकती है।