• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Weather update : heat breaks 53 years old record
Written By
Last Modified: मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020 (21:28 IST)

Weather Update: उत्तर के मैदानी इलाकों में गर्मी की दस्तक, फरवरी में टूटा 53 साल का रिकॉर्ड

Weather Update: उत्तर के मैदानी इलाकों में गर्मी की दस्तक, फरवरी में टूटा 53 साल का रिकॉर्ड - Weather update : heat breaks 53 years old record
नई दिल्ली। गर्मी ने उत्तर के मैदानी इलाकों में दस्तक देने से पहले तटीय क्षेत्रों में दस्तक दे दी है। रिकॉर्ड तोड़ सर्दी के बाद फरवरी में ही गर्मी ने मुंबई में पिछले 53 साल का रिकार्ड तोड़ दिया।
 
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार गर्मी ने उत्तर के मैदानी इलाकों में दस्तक देने से पहले तटीय क्षेत्रों में असर दिखाना शुरू कर दिया है। मुंबई में मंगलवार को अधिकतम तापमान का 39 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाना, इसका ताजा उदाहरण है।
 
विभाग के अनुसार फरवरी में 1966 के बाद मुंबई में अब तक का सर्वाधिक तापमान 17 फरवरी को 38.1 डिग्री सेल्सियस और 18 फरवरी को बढ़कर 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से सात डिग्री अधिक था। इससे पहले मुंबई में 25 फरवरी 1966 को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
 
विभाग की पूर्वानुमान इकाई की प्रमुख वैज्ञानिक सती देवी ने बताया कि फरवरी के तीसरे सप्ताह में तटीय इलाकों में तापमान के स्तर में लगतार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि भारत में सामान्य तौर पर पश्चिम के तटीय इलाकों से गर्मी की शुरुआत होती है लेकिन तापमान में इजाफे के लिये जिम्मेदार मानी जाने वाली हवाओं के रुख में तेजी को देखते हुये इस साल फरवरी में ही तापमान रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है।
 
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मुंबई का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और अहमदाबाद में 33 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा पुणे और हैदराबाद में भी पारा 30 डिग्री के स्तर को पार कर गया है।
 
मौसम विभाग ने चेताया : मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए विभाग ने भी हीट वेव से बचाव के बारे में मंगलवार को परामर्श जारी कर दिया। इसके अनुसार मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने पर उस इलाके में ग्रीष्म लहर की स्थिति घोषित कर दी जाती है। विभाग ने ग्रीष्म लहर के विभिन्न स्तरों के निर्धारित मानकों के मुताबिक लोगों को आने वाले महीनों में सावधानी बरतने को कहा है।
ये भी पढ़ें
सुशील मोदी का प्रशांत किशोर पर हमला, 2014 में मोदी और भाजपा गोडसेवादी क्यों नहीं लगे?