वेंकैया नायडू ने बेटा-बेटी को पहुंचाया करोड़ों का फायदा
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर अपनी बेटी और बेटे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही की वकालत करने वाले नायडू को देश को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश ने यहां संसद भवन परिसर में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि हमेशा जवाबदेही और पारदर्शिता की बात करने वाले नायडू ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकार को चूना लगाया और बेटी तथा बेटे को पांच सौ करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। ईमानदारी, पारदर्शिता तथा जवाबदेही को लेकर उन्हें इन सवालों पर देश की जनता को जवाब देना चाहिए।
रमेश ने आरोप लगाया कि नायडू के प्रभाव में तेलंगाना सरकार ने गत 20 जून को एक विशेष आदेश जारी किया और स्वर्ण भारत ट्रस्ट को सरकार को दो करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास शुल्क का भुगतान करने से छूट दे दी। इस ट्रस्ट में नायडू की बेटी प्रबंधन ट्रस्टी हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से नायडू के बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए तेलंगाना सरकार ने बिना निविदा निकाले दो कंपनियों को 270 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया। इन कंपनियों में एक के मालिक नायडू के बेटे हैं और दूसरी कंपनी के मालिक राज्य के मुख्यमंत्री के बेटे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भोपाल में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर छह अप्रैल 2011 को कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को दी गई 20 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द किया गया था। यह जमीन भोपाल के अहम इलाके में थी और इसकी कीमत करीब छह सौ करोड़ रुपए थी।
नायडू इस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 1978 में श्री नायडू जब आंध्रप्रदेश विधानसभा में विधायक थे तो उन्होंने नल्लोर में भूमिहीनों की करीब पांच एकड़ जमीन अपने नाम करा ली थी लेकिन अगस्त 2002 में उन्हें यह जमीन प्रशासन को लौटाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि नायडू को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए और देश की जनता को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। (वार्ता)