उज्जैन में तीसरा और अंतिम शाही स्नान...
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में सदी के दूसरे महाकुंभ के तीसरे और अंतिम शाही स्नान पर वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी क्षिप्रा में आस्था और विश्वास की डुबकियां लगाई। शाही स्नान से जुड़ी हर जानकारी...
* शाही स्नान की पूर्व संध्या से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब क्षिप्रा तट पर स्नान के लिए उमड़ पड़ा। रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, नृसिंह घाट, सुनहरी घाट, वाल्मीकि घाट, भूखी माता घाट और लालपुल, गऊघाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने मध्य रात्रि से ही स्नान करना शुरू कर दिया था।
* अखाडों के स्नान के लिए रामघाट एवं दत्त अखाड़ों को जोड़ने वाले मार्ग पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए। इन दोनों घाटों को विभिन्न अखाड़ों के साधु संतो के स्नान के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।
* रात 12 बजे दोनों घाट साधु संतों के स्नान के लिए खाली कराना शुरू कर दिए गए। इसके बाद आधुनिक मशीनों, चलित पंपों के द्वारा घाटों की धुलाई की गई। इस दौरान अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं का स्नान चलता रहा।
* सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने बताया कि अब करीब 8 करोड़ लोगों ने स्नान स्नान किया। वहीं आज अंतिम शाही स्नान के दिन 60 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि यह आंकड़ा 1 करोड़ से भी ज्यादा पहुंच सकता है।
* उज्जैन से इंदौर आने वाली गाड़ियों की भी लगी कतार।
* जब तक उज्जैन में भीड़ कम नहीं होती आगे निकलने नहीं दिया जाएगा।
* अंतिम शाही स्नान में सबसे पहले तड़के तीन बजे पंचदशनाम जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी के सानिध्य में हजारों नागा साधुओं ने क्षिप्रा में आस्था और विश्वास की डुबकियां लगाईं। नागा साधुओं का दल तेजी से क्षिप्रा घाट पर आया और हर-हर महादेव, जय महाकाल, शिप्रा मैया की जय हो आदि उद्घोष के साथ क्षिप्रा में कूद पड़ा।
* एक ओर जहां दत्त अखाड़ा घाट पर शैव अखाड़ों के नागा संन्यासी क्षिप्रा में डुबकी लगा रहे थे, वहीं रामघाट पर जय सियाराम, जय-जय सियाराम, जय श्रीराम के उद्घोष के साथ वैष्णव अखाड़ों के साधु संत भी क्षिप्रा में डुबकियां लगाते देखे जा रहे थे। शिप्रा के दोनों तट पर एक साथ साधु सन्यासियों को उत्साहपूर्वक शिप्रा में डुबकी लगाकर अमृतपान करते हुए अलौकिक नजारा देखते ही बन रहा था।
* शाही स्नान से पहले शुक्रवार रात साधुओं में मारपीट की भी खबर है। कनकेश्वरी देवी के पट्टाभिषेक समारोह में कई बड़े साधु-संत और मुख्यमंत्री सहित कई नेता मौजूद थे। समारोह के दौरान एक युवा साधु पानी पी रहा था तभी बोतल से थोड़ा पानी पास बैठे कुछ साधुओं पर गिर गया। वे नाराज हुए तो युवा साधु ने माफी मांग ली।
समारोह के बाद जैसे ही युवा साधु मंच से नीचे उतरा वैसे ही तीन साधुओं ने उसे घेर लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। उसे बचाने एक कार्यकर्ता गया तो तीनों साधु उस पर भी टूट पड़े। हालांकि बाद में साधुओं में समझौता हो गया।
* भाजपा महासचिव और महू से विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी पत्नी आशा विजयवर्गीय के साथ शाही स्नान के दौरान आस्था की डुबकी लगाई।
* कल रात जो लोग उज्जैन गए थे, वे ही अभी स्नान नहीं कर पाए हैं। आज आने वालों को करना पड़ सकता है भारी परेशानियों का सामना।
* रात 12 बजे से पहले ही खाली करा लिए गए थे घाट।
*उज्जैन जाने वालों रास्तों पर भारी जाम की स्थिति।
* उज्जैन में उमड़ी भारी भीड़। लोगों को अब उज्जैन से पहले ही रोका जा रहा है।
* इंदौर में सयाजी चौराहे से ही लग रहा है उज्जैन जाने वाली गाड़ियों का जाम।
* लोकसभा अध्यक्ष एवं इंदौर की सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी पुलिस कंट्रोल रूम के पास राणोजी की छत्री से अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ शाही स्नान के अलौकिक दृश्य का आनंद लिया। इस मौके पर सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह भी मौजूद थे।
* उज्जैन की सभी सड़कें श्रद्धालुओं से पटी पड़ी हैं और पवित्र स्नान के उद्देश्य से क्षिप्रा नदी के तट पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची है।
* एक माह लंबे चले इस सिंहस्थ कुंभ का आज आखिरी दिन है।
* सभी अखाड़ों के साधु-संतों का स्नान करीब 11 बजे समाप्त हो जाएगा और इसके बाद आम श्रद्धालु स्नान करेगें।
* राम जन्म भूमि मंदिर न्यास के प्रमुख नृत्यगोपाल दास जेड श्रेणी की सुरक्षा घेरे में रामघाट पर अपने शिष्यों के साथ अस्था की डुबकी लगाई।
* अखाड़ों के साधु-संत हाथी, धोड़े और सोने चांदी के सिंहासन पर सवार होकर रामघाट पहुंचे।
* इसके बाद अग्नि, आव्हान, निर्मोही इत्यादि अखाड़ों से जुड़े साधु संतों ने डूबकी लगाई।
* पहले जूना अखाड़ा के साधु और संतों ने क्षिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाई।
* पवित्र स्नान के लिए रामघाट को सजाया गया है, जहां जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नगा साधु अपने..अपने ध्वज, ईष्टों एवं पारंपरिक प्रतीकों के साथ तड़के से ही शाही स्नान कर रहे हैं।
* लोग देश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
* चाँद भी आया क्षिप्रा में डुबकी लगाने।
* शाही स्नान के लिए लाव लश्कर के साथ जा रहे साधुओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में अपार उत्साह।
* सिंहस्थ में रचा इतिहास, शैव अखाड़ों ने दत्त अखाड़ा घाट और वैष्णव अखाड़ों ने रामघाट पर एक ही समय शुरू किया स्नान।
* जबरदस्त भीड़ के कारण प्रशासन को व्यवस्था संभालने में काफी मशक्कत करन पड़ रही है।
* कई साधु पहले ही स्नान शुरू करने पर अड़ गए थे अघिकारियों को उन्हें समझाने में पसीना आया।
* नागा साधुओं के जय महाकाल का उद्घोष के साथ 2.45 पर शुरू हुआ शाही स्नान।
* लाखों श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने के कारण स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
* 22 मई को सिंहस्थ का अंतिम स्नान है। हालांकि प्रशासन मेला 28 मई तक बढ़ा दिया गया है। मेले के दौरान सिंहस्थ में कई सुविधाएं रहेंगी।
* उज्जैन के जाने वाले रास्तों पर लाखों की संख्या में लोग दिखाई पड़ रहे हैं। पिछले एक महीने से इंदौर से उज्जैन के रास्ते पर जो होटलें, ढाबे और ठेले वाले बैठे थे, उनकी आज चांदी ही नहीं हुई बल्कि उन्हें नई मुसीबतों से दो-चार होना पड़ रहा है।
* सिंहस्थ में पहली बार दत्त अखाड़ा घाट पर शैव अखाड़ों के नागा सन्यासियों का स्नान प्रात: 3 बजे से प्रारंभ होगा। इसी समय रामघाट पर वैष्णव अखाड़े स्नान करेंगे। प्रशासन ने शाही स्नान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली हैं।
* शाही स्नान सुबह 3 से 11 बजे तक निर्धारित क्रमानुसार विभिन्न अखाड़ों के साधु, संत स्नान करेंगे। सिंहस्थ में * यह पहला अवसर रहेगा जब रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर शैव और वैष्णव सम्प्रदाय के साधु सन्यासी एक ही समय में दोनों घाट पर एक साथ स्नान करेंगे।