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Last Modified: इंदौर , शनिवार, 18 फ़रवरी 2017 (15:48 IST)

सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर कायम हो सकता है संतुलन : लोकसभा अध्यक्ष

सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर कायम हो सकता है संतुलन : लोकसभा अध्यक्ष - Sumitra Mahajan inaugurates South Asian Speakers Summit in Indore
इंदौर। सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दक्षिण एशियाई मुल्कों में क्षेत्रीय समन्वय पर जोर देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को कहा कि ये लक्ष्य प्राप्त कर आर्थिक वृद्धि, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
 
सुमित्रा ने दक्षिण एशियाई देशों की संसदों के सभापतियों के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा कि सततविकास के लक्ष्यों को हासिल कर हम आर्थिक वृद्धि, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में संतुलन कायम कर सकते हैं। हमें इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिये क्षेत्रीय समन्वय स्थापित करने की जरूरत है, ताकि शांति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ा जा सके।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, 'सतत विकास के लक्ष्यों में भारत के विकास का एजेंडा प्रतिबिंबित होता है। मुझे भरोसा है कि समृद्ध संस्कृति व इतिहास, प्रचुर प्राकृतिक संपदा और विपुल मानव संसाधन से लैस दक्षिण एशिया के अन्य देश भी अपनी राष्ट्रीय नीतियों को इन लक्ष्यों के मुताबिक ढाल रहे हैं।'
 
उन्होंने आर्थिक विकास को वृहद् और सर्व समावेशी बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि गरीबों और अमीरों के बीच बढ़ती खाई को पाटा जाना चाहिए।
 
सुमित्रा ने कहा कि संस्कृति की कीमत पर हासिल किया गया विकास कभी स्थायी नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक विकास को मानवीय सूरत नहीं दी जायेगी, तब तक यह कतई स्थायी नहीं हो सकेगा।
 
उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं को समाज की आखिरी कतार में खड़े व्यक्ति तक प्रभावी तरीके से पहुंचाकर गरीबी हटाने के अहम लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
 
सुमित्रा ने सरकारों के सामने खासकर वित्तीय संसाधनों की सीमा का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ अनुमानों के मुताबिक सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में वैश्विक स्तर पर हर साल 50 से 70 खरब अमेरिकी डॉलर के खर्च की आवश्यकता है। दुनिया के विकासशील देशों को इन लक्ष्यों को हासिल करने में सालाना 39 खरब अमेरिकी डॉलर का खर्च का भार उठाना पड़ सकता है।
 
उन्होंने एक अनुमान के हवाले से बताया कि भारत को सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में अगले 15 साल तक वार्षिक स्तर पर 565 अरब डॉलर खर्च करने पड़ सकते हैं।
 
सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में लैंगिक समानता को महत्वपूर्ण कारक करार देते हुए सुमित्रा ने कहा कि एक महिला को पढ़ा कर पूरे समाज को शिक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिये उन्हें उनके बुनियादी अधिकार प्रदान करने, बाल विवाह पर पूरी तरह रोक लगाने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उनकी पहुंच बढ़ाने जैसी बातों पर ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है।
 
भारत की लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि खासकर मेहनतकश महिलाएं जलवायु परिवर्तन के खतरों का सबसे ज्यादा सामना कर रही हैं, क्योंकि उन्हें भोजन, पेयजल और ईंधन की तलाश के साथ खेती.किसानी में घंटों पसीना बहाना पड़ता है।
 
उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित दक्षिण एशियाई सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में उन्हें अहम भूमिका निभानी है और गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा और अज्ञान की समस्याओं को जड़ से मिटाना है।
 
दक्षिणी एशियाई संसदों के सभापतियों के सम्मेलन में अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष साबिर हुसैन चौधरी, बांग्लादेश की संसद की स्पीकर डॉ. शिरीन शर्मिन चौधरी, अफगानिस्तान की नेशनल असेम्बली के स्पीकर अब्दुल रऊफ इब्राहिमी, भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर जिग्मे जैंगपो, मालदीव की संसद के स्पीकर अब्दुल्ला मसीह मोहम्मद, श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या, भूटान की नेशनल काउंसिल के उप सभापति शेरिंग दोरजी, नेपाल की संसद की स्पीकर ओनसारी घरती भी शामिल हुए।
 
मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने भी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शिरकत की। (भाषा) 
 
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