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Last Updated : मंगलवार, 26 दिसंबर 2017 (19:32 IST)

सुब्रमण्यम स्वामी ने खोली अपनी ही सरकार की पोल...

सुब्रमण्यम स्वामी ने खोली अपनी ही सरकार की पोल... - Subramanian Swami, Central Government, BJP
नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बीते शनिवार को केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी किए गए जीडीपी आंकड़ों को बोगस बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संगठन के उच्च अधिकारियों पर दबाव बनाकर यह गलत आंकड़े पेश करवाए हैं।
 
 
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंटों के एक आयोजन को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि अधिकारियों पर मोदी सरकार ने दबाव बनाकर अच्छे आंकड़े पेश करने को कहा, ताकि ऐसा लगे कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था और जीडीपी को नुकसान नहीं हुआ है।
 
कार्यक्रम में स्वामी ने कहा, जीडीपी का तिमाही आंकड़ों पर विश्वास मत करो, यह सब बोगस और गलत हैं, क्योंकि मेरे पिताजी ने केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन को स्थापित किया था। अभी हाल ही मैं  केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा के साथ गया और सीएसओ के एक अधिकारी को बुलाया। मालूम पड़ा कि उन लोगों पर दबाव है कि अच्छे आंकड़े दिखाए जाएं, ताकि ऐसा लगे कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।
 
भाजपा नेता ने यह भी कहा, मैं अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हूं और जानता हूं इसका (नोटबंदी) प्रभाव पड़ा है। मैंने सीएसओ के निदेशक से पूछा कि नोटबंदी तो नवंबर 2016 में हुई थी, तो आपने कैसे तिमाही जीडीपी की रिपोर्ट तैयार की। आपने इकोनॉमिक सर्वे की प्रिंटेड रिपोर्ट को फरवरी 12017 को जारी किया था। इस सर्वे को प्रिंट करने के लिए कम से कम तीन हफ्ते पहले भेजा गया होगा यानी यह जनवरी के पहले हफ्ते में भेजा गया होगा। ऐसे में कैसे इस तिमाही जीडीपी रिपोर्ट को बनाया गया और बता दिया गया कि नोटबंदी का कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आया है।
 
 
सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा कि उनके सवाल पर सीएसओ के निदेशक का कहना था कि उन्होंने मोदी सरकार के दबाव के चलते ये आंकड़े देश के सामने रखे हैं। स्वामी ने कहा कि इस तरह की किसी भी तिमाही आंकड़ों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। सिर्फ सालाना जीडीपी रिपोर्ट पर विश्वास करना चाहिए।
 
स्वामी के यह बयान वित्तमंत्री अरुण जेटली के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक असर को खारिज कर दिया था। वित्तमंत्री का कहना था कि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (सितंबर तक) जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जो कि पहली तिमाही (जून तक) के 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर से बेहतर है।
 
 
‘मूडीज’ और ‘फिच’ जैसी क्रेडिट रेटिंग कंपनियों के आंकड़ों पर हमला करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी पैसे देकर इन एजेंसियों से कैसी भी रिपोर्ट बनवा सकता है। (भाषा)